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भारत में मदर्सों को बम से उड़ाने की धमकी, सरकार से लेकर मीडिया तक ख़ामोश, आख़िर कब तक चलेगा कट्टरता का यह नंगा नाच : रिपोर्ट

भारत में इस्लामी और मुसलमानों के ख़िलाफ़ अपमानजनक और धकमी भरे बयान देना, अब आम बात बनती जा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से हाल ही में सशर्त ज़मानत पर बाहर आए एक कट्टरपंथी हिन्दी संगठन के नेता ने भारतीय मदरसों को बम से उड़ाने की धमकी दी है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, धार्मिक समारोह में एक अन्य समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयान देने के आरोप में पुलिस ने यति नरसिंहानंद, अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे के ख़िलाफ़ रविवार रात को मामला दर्ज किया है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। नरसिंहानंद उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले में स्थित डासना देवी मंदिर के मुख्य महंत हैं। पुलिस अधीक्षक (नगर) कुलदीप सिंह गुनावत ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि इन तीनों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। गुनावत ने कहा कि इनके ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना), 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द बोलना आदि), 505 (2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करना या बढ़ावा देना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।


ग़ौरतलब है कि रविवार को सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषणों का एक वीडियो क्लिप प्रसारित हुआ था। इस वीडियो क्लिप में नरसिंहानंद कथित रूप से क़ुरआन के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए और अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय (एएमयू) व मुस्लिम मदरसों के ख़िलाफ़ भड़काऊ टिप्पणी करते हुए दिख रहे हैं। वीडियो क्लिप में उन्होंने मांग की है कि ऐसे संस्थानों को ध्वस्त किया जाना चाहिए। कट्टरपंथी हिन्दी नेता नरसिंहानंद ने कहा, ‘मदरसे तो होने ही नहीं चाहिए, जितने भी मदरसे हैं, उन्हें बारूद से उड़ा देना चाहिए… और जैसे चीन करता है न… मदरसे के सारे विद्यार्थियों को ऐसे शिविरों में भेज दिया जाना चाहिए जहां से उनके दिमाग़ में से क़ुरआन नाम का वायरस निकाला जा सके।’ बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि नरसिंहानंद ने इस्लाम और मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयान दिया है इससे पहले भी वह कई बार इस तरह के बयान दे चुके हैं, जिसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। वहीं जानकारों का मानना है कि सरकार द्वारा दी जा रही ढील की वजह से कट्टरपंथी हिन्दी संगठनों और विचारधारा के लोगों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं, जिसकी वजह से वे खुले आम इस्लाम धर्म की पवित्र हस्तियों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ अपमानजनक और भड़काऊ टिप्पणी करते रहते हैं।