मध्य प्रदेश राज्य

भोपाल में रहने वाले जल्लादों ने ”सुल्तान” को बेरहमी से फाँसी पर लटकाकर मारा डाला : हैवानियत का ऐसा वीडियो कि रूह काँप जायेगी!

Sakshi Joshi
@sakshijoshii
TRIGGER WARNING
भोपाल वासियों
इन दोनों जल्लादों को पहचान लीजिए, Alpha Dog Training and Boarding centre के नाम पर ये जानवरों पर अत्याचार कर उन्हें बेरहमी से मारने का काम कर रहे हैं।
इन जल्लादों ने सुल्तान को मार डाला , न जाने और कितने मासूमों को ऐसे मारा होगा, इन्हें पहचान लो, इनके पास अपना डॉग कभी न भेजें , परिवार और दोस्तों को भी बताएँ

Sakshi Joshi
@sakshijoshii
नरपिशाच , घिनौने, हैवान भोपाल में रहने वाले इन लोगों ने बेरहमी से फाँसी पर लटकाकर किसी के डॉग को मारा डाला
ये जानबूझकर की गई हत्या है और इसे हत्या की तरह ही माना जाना चाहिए

Sakshi Joshi
@sakshijoshii
भोपाल डॉग को फाँसी से मारने के मामले के बाद Alpha Dog centre से 18 डॉग्स को छुड़ाया गया है जिन्हें बेहद ही छोटे छोटे पिंजरों में बंद करके रखा था।
ट्रेनर का कहना कि भौंकता था , क़ाबू में नहीं आ रहा था इसलिए मार दिया एकदम बकवास बात है।
पहली बात ये ट्रेनर एक नंबर का फ़्रॉड है। खुद को ट्रेनर बोलता है, ट्रेनिंग के नाम पर पैसे ऐंठता है और इसे ही डॉग को क़ाबू में करना नहीं आया! यानी ये फ़्रॉड है। चार महीने भी कम थे इसके लिए?
और अगर ये जो कह रहा है ऐसा होता तो ये सबसे पहले इस डॉग से पीछा छुड़ाना चाहता। लेकिन नहीं, डॉग पैरेंट निखिल का कहना है कि इसकी ट्रेनिंग ख़त्म होने के समय 15 सितंबर को फ़ोन किया डॉग को ले जाने के लिए तो ट्रेनर ने मना कर दिया, कहा कि अभी और ट्रेन करना है, आगे हम फ़्री में करेंगे , फिर निखिल ने 6 अक्तूबर को दोबारा कॉल किया तब भी ट्रेनर ने कोई और बहाना बनाकर मना कर दिया । और तीन दिन बाद फ़ोन करके कहा इसकी साँसें नहीं चल रही हैं।
अगर वो इतना परेशान करता था तो ट्रेनर उससे पीछा छुड़ाने में सबसे आगे होता।
निखिल को जो शक है कि ट्रेनर इसे क्रॉस ब्रीड कराना चाहता था वही बात सही लग रही है। इसलिए इसे रखे हुए था।
अच्छा लगा देखकर कि भोपाल के डॉग लवर्स ने बाक़ी डॉग को इसके चंगुल से छुड़ाया और दो NGO कोर्ट में आगे की लड़ाई लड़ने की बात कह रहे हैं
बाक़ी आप सब से गुज़ारिश है , अपने Pets को हो सके तो अपने साथ लेकर जाएँ, या परिवार या दोस्तों में जो भी डॉग लवर हों उनके साथ छोड़ें , ये बेज़ुबान अपनी तकलीफ़ बता नहीं पाएँगे , इनके टॉर्चर भी किया जाएगा , भूखा रखा जाएगा ये बात ये कभी आपसे नहीं कह पाएँगे , इसलिए अपने साथ रखें, ट्रेन भी खुद कर सकें वैसे ही ब्रीड रखें , समय नहीं दे सकते तो कृपया डॉग घर न लाएँ, और लाएं तो उसे पूरा समय दें , घर पर ज़ंजीर से बांधकर न रखें , जिम्मदार बनिए