मंदिर-मस्जिद के लिए देश के अवाम कब तक लड़ते रहेंगे.? लक्ष्मी सिन्हा का शानदार लेख पढ़ें!
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बिहार (पटना): राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव सह प्रदेश मीडिया प्रभारी महिला प्रकोष्ठ श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारे देश के आवाम मंदिर- मस्जिद की लड़ाई कब तक लड़ते रहेंगे? भारत ही एक ऐसा देश है जहां सभी जाति धर्म के लोग सदियों से रहते आए हैं। जिन्हें आज जाति धर्म के नाम पर बांटने का काम किया जा रहा है आपस में लड़ाने का काम किया जा रहा है हिंदू-मुस्लिम को मंदिर-मस्जिद के नाम पर लड़ाया जा रहा है तो दलित को ब्राह्मण से लड़ाया जा रहा है। यह संकेत अच्छा नहीं है हम सभी को मिलकर रहने की आवश्यकता है तभी हमारे देश में विकास संभव हो पाएगा।
श्रीमती सिन्हा ने कहा कि हमें लड़ना ही है तो अस्पताल, स्कूल, कॉलेज को बनाने के लिए लड़े ताकि अस्पताल में हमारे बच्चों का बेहतर इलाज हो सके स्कूल, कॉलेजों में हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके लड़ना ही है तो बेरोजगारी,भुखमरी, महंगाई, भ्रष्टाचार एवं बढ़ते अपराध के लिए लड़े।
श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा कि हाल ही में आए करो ना महामारी हम सभी से छिपा नहीं लोग इलाज के अभाव में कैसे तरप-तरप के अपना दम तोड़ा है किसी ने अपना पिता खोया तो किसी ने अपनी पत्नी किसी ने अपने बच्चे को खोया तो किसी ने अपनी मां मंदिर-मस्जिद का भी दरवाजा बंद था। उस विकट समय में अस्पताल ही हम सभी का सहारा था। तो फिर मंदिर- मस्जिद के लिए क्यों लड़े.? अब देश के अवाम को तय करना होगा कि हम मंदिर-मस्जिद के लिए लड़े या,,,, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज,बेरोजगारी,भुखमरी, भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़े। अब देश के अवाम को तय करना होगा।
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