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मणिपुर मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा-”इसमें घी डालने का काम किया ”हाईकोर्ट के फ़ैसले” ने”

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए मणिपुर हिंसा को लेकर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि यह सच है कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ। हिंसक घटनाएं हुईं। वहां जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। यह भ्रांति देश की जनता के सामने फैलाई गई है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था, लेकिन विपक्ष कभी चर्चा नहीं करना चाहता था। आप मुझे चुप नहीं करा सकते, क्योंकि 130 करोड़ लोगों ने हमें चुना है इसलिए उन्हें हमारी बात सुननी होगी। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सत्र आहूत होने से पहले मैंने स्पीकर को पत्र लिखकर मणिपुर पर चर्चा के लिए कहा था। पहले दिन से मैं यह बात कह रहा हूं। मेरी बात सुनते। अगर मेरी बात से संतुष्ट नहीं होते तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगते। आप देश के गृह मंत्री को मणिपुर मामले पर बोलने नहीं देते, यह किस तरह का लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि तीन मई तक मणिपुर में भाजपा सरकार के छह साल तक एक दिन भी हिंसा नहीं हुई। कर्फ्यू नहीं हुआ। उग्रवादी घटनाएं नहीं हुई।

गृह मंत्री ने बताया मणिपुर में कैसे शुरू हुई हिंसा?
अमित शाह ने मणिपुर के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि 2021 में म्यांमार में सैन्य शासन आया। इसके बाद वहां कुकी समुदाय पर शिकंजा कसा जाने लगा। फिर वहां से भारी संख्या में कुकी आदिवासी मिजोरम और मणिपुर में आने लगे और वे जंगलों में बसने लगे। इसके बाद मणिपुर के बाकी हिस्सों में असुरक्षा की भावना पैदा हुई। इसके बाद स्थिति को समझते हुए सरकार ने सीमा को बंद करने की दिशा में काम किया।

शाह ने कहा कि इस बीच ऐसी अफवाह फैल गई कि 53 बसावटों को अस्थायी जंगल गांव घोषित किया गया है, जिससे पहले से व्याप्त असुरक्षा की भावना और बढ़ गई। इसमें घी डालने का काम किया हाईकोर्ट के फैसले ने। इसमें कहा गया कि मैतेई को आदिवासी घोषित कर दिया जाए। इसके बाद मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुईं। यहां अब तक 152 लोग मारे गए हैं। इन घटनाओं को लेकर 1106 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

महिलाओं से बर्बरता समाज पर धब्बा
महिलाओं से बर्बरता के वायरल वीडियो पर अमित शाह ने कहा कि मणिपुर वायरल वीडियो इस संसद सत्र के शुरू होने से पहले क्यों आया? अगर किसी के पास यह वीडियो था, तो उन्हें इसे डीजीपी को देना चाहिए था और उसी दिन 4 मई को कार्रवाई की गई होती। हमें जिस दिन वीडियो मिला हमने उन सभी 9 लोगों की पहचान कर ली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मैं वहां 3 दिन रहा और इस अवधि के दौरान हमने कई निर्णय लिए। राज्य में सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए क्षेत्र में अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी के पास वीडियो था तो उसे पुलिस तंत्र को या संसद को देना चाहिए था। इसे सार्वजनिक करने की क्या जरूरत थी? महिलाओं के सम्मान की चिंता करनी चाहिए। चार तारीख की घटना का वीडियो था, अगर उसे सार्वजनिक करने की जगह डीजीपी तक पहुंचाया जाता तो पांच को ही कार्रवाई हो जाती।

राष्ट्रपति शासन की मांग पर यह बोले शाह
मणिपुर में अनुच्छेद 356 लगाने की विपक्ष की मांग पर शाह ने कहा कि मणिपुर की राज्य सरकार सहयोग कर रही है, इसलिए ऐसा नहीं किया जा सकता। अनुच्छेद 356 तब लागू किया जाता है, जब राज्य सरकार सहयोग नहीं करती। शाह ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इसलिए मणिपुर के मुख्यमंत्री को भी बदलने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं तीन दिन मणिपुर में रहे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय लगातार 23 दिन तक उस राज्य में रहे।

राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा पर साधा निशाना
अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका मणिपुर जाना अच्छा था। सभी की संवेदनाएं थीं, लेकिन उनका दौरा पूरी तरह से राजनीतिक था। मणिपुर हिंसा अब नियंत्रण में है, लेकिन लोगों को आग में घी नहीं डालना चाहिए। राहुल गांधी की यात्रा के दौरान उन्होंने सड़क मार्ग से चुराचांदपुर जाने पर जोर दिया, जबकि हमने उनके लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की थी। देश ने सारा ड्रामा टीवी पर देखा। अगले दिन वह हेलीकॉप्टर का उपयोग करने गए, लेकिन वह पहले ऐसा नहीं कर सके, क्योंकि वह अपना विरोध प्रदर्शित करना चाहते थे। संकट के समय इस तरह की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा के कारणों और राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मैं मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत में शामिल होने की अपील करता हूं, हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम राज्य में शांति लाएंगे। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की मांगों पर अमित शाह ने कहा कि जब कोई राज्य का मुख्यमंत्री सहयोग नहीं कर रहा हो तो उसे बदलना पड़ता है। यह सीएम केंद्र के साथ सहयोग कर रहे हैं।

लोकसभा ने मणिपुर में शांति की अपील का प्रस्ताव पारित
लोकसभा ने बुधवार को मणिपुर में शांति की अपील करने वाला एक प्रस्ताव पारित किया। विपक्ष की मौजूदगी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सांसदों ने इसका समर्थन किया। दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर संबोधन के बाद सुझाव दिया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मणिपुर में शांति की अपील वाला एक प्रस्ताव पढ़ें। सुझाव का सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन किया। इस पर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पहले प्रस्ताव का मसौदा साझा किया जाना चाहिए और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इसे अपनाया जाना चाहिए। इसके बाद ओम बिरला ने प्रस्ताव पढ़ा, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया।