मणिपुर में बुधवार को मेईतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित दर्जे की मांग के विरोध में एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान राज्य में भड़की हिंसा में कम से कम 13 लोग जान गंवा चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और कई घरों और संपत्तियों को तोड़ या जला दिया गया है. स्थानीय लोगों ने द वायर से इस बात की पुष्टि की है कि पूरा राज्य हिंसा का सामना कर रहा है, जहां लोग खुलेआम पिस्तौल, एके47 और अन्य हथियारों के साथ घूम रहे हैं. इंफाल के एक पादरी ने बताया कि उपद्रवी भीड़ ने राज्य की कई चर्चों में भी आग लगाई है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि करीब 25 चर्चों को जला दिया गया था.
मणिपुर के लोगों ने चाहा था कि बीजेपी को वोट देकर हिन्दूराष्ट्र बनाया जाए
जो अब कुछ इस तरह से मणिपुर में बन रहा हे 🤐 pic.twitter.com/Bjsbu7rKcJ— ANAS ALI (@ANAS_ALI___007) May 5, 2023
Wg Cdr Anuma Acharya (Retd)
@AnumaVidisha
मणिपुर केवल वहाँ के चुनाव से पहले याद आयेगा! अभी तो हमारे नीरो कर्नाटक में ख़ुद की बंसी बजाने में यूँ मशग़ूल थे, कि आतंक-विरोधी मुहिम में शहीद हुए हमारे जवानों के लिये संवेदना तक नहीं व्यक्त की. वैसे ही उनके दरबारी गृहमंत्री निकले. श्रद्धांजलि के दो शब्द न कह सके, सिर्फ़ चुनावी टर्र टर्र करते रहे. कर्नाटक की जनता ही सबक़ भी देगी.
मणिपुर: आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा जारी, इसी के साथ सुलग उठा मणिपुर, कई जगह हिंसा, सेना बुलाई गई…
8 जिलो मे कर्फ्यू लगा और 5 दिन के लिए इंटरनेट सेवा बंद …
राज्यपाल ने कुछ इलाको मे दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए है।#ManipurOnFire #ManipurViolence… pic.twitter.com/5ayQUOIG4f— TRUE STORY (@TrueStoryUP) May 4, 2023
मणिपुर में क्या हो रहा है?
मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। कई संगठनों ने बुधवार को ‘आदिवासी एकता मार्च’ का आह्वान किया, जिसमें हिंसा भड़क गई थी। जहां शुक्रवार सुबह ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगने की जानकारी सामने आई। वहीं भारतीय सेना ने बताया कि अब मणिपुर में हालात नियंत्रण में हैं। सभी कर्मचारियों द्वारा मिलकर कार्रवाई करने से हालात को काबू में लाया जा सका है।
भारतीय सेना के अनुसार, वायु सेना ने C17 ग्लोबमास्टर और AN 32 वायुयानों से लगातार दो दिन असम में उड़ानें भरीं। प्रभावित क्षेत्रों से सभी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रात भर उड़ानें भरी गईं। वहीं, चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।
बता दें, मणिपुर सरकार ने गुरुवार को आदिवासियों और मेइती समुदाय के बीच बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए अत्यधिक गंभीर मामलों में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया था। वहीं, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद्द किया गया है। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।
मोदी जी और उनके प्रचार मंत्रियों को अभी तक जंतर मंतर पर बैठी बेटियों @Phogat_Vinesh @SakshiMalik की आवाज़ नही सुनाई दी तो मणिपुर की बेटी @MangteC की मदद की पुकार कैसे सुनाई देगी।
पूर्वोत्तर के विकास की बड़ी बड़ी बातें करने वाले प्रधानमंत्री जी को #Manipur के हालात या तो दिख नही… https://t.co/N2ONY73ebz pic.twitter.com/kE2SoFkBYy
— Netta D'Souza (@dnetta) May 5, 2023
मणिपुर जाने वाली ट्रेनों को कैंसिल किया गयाः पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि सेवा बहाल करने का निर्णय स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलने वाली अगरतला खोंगसांग जन शताब्दी एक्सप्रेस और दैनिक सिलचर वांगईचुंगपाओ पैसेंजर ट्रेन को बीच में ही रोक दिया गया है। डे ने कहा, ”इन ट्रेनों को असम सीमा पर अरुणाचल रेलवे स्टेशन पर रोक दिया जाएगा।”
सेना ने कई जगह बनाए सहायता डेस्क, जारी किए हेल्पलाइन नंबर
सेना ने मणिपुर में अशांत क्षेत्र में रह रहे सशस्त्र बल के सैनिकों और पूर्व सैनिकों की सहायता के लिए कई जगह हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। यह पर्यटकों के लिए भी सहायता करेगी। सेना ने इन नंबरों को एसएमएस के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की अपील की है। ये नंबर चौसीबों घंटे काम करेंगे। पूरे भारत के लिए 1904, भारतीय सेना की पूर्वी कमान, कोलकाता, मोबाइल नंबर 7439229496, लैंड लाइन नंबर- 033-22438703, तेजपुर मोबाइल नंबर 9387144346, लैंडलाइन नंबर 036-2124276, रंगापारा- मोबाइल नंबर 8798959257 और लैंड लाइन नंबर 038-62249122 को जारी किया गया है।
मूर्खों के हाथ में सत्ता देने का नतीजा👇
आज तक कश्मीर में ऐसा नहीं हुआ जैसा मणिपुर में हो रहा है। pic.twitter.com/TbVdRLA1cE— MERAJ ASHRAF QADIRI (@__MERAJKHAN) May 5, 2023
Alka Lamba 🇮🇳
@LambaAlka
#कर्नाटक में आकर चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री जी #सूडान पर बात कर रहे हैं, वहां जलते #मणिपुर पर इनकी जुबान सीली पडी है –
मणिपुर की जनता आप से मदद मांग रही है और आप राजनैतिक ब्यान बाजी में व्यस्त हैं.
अपनी नाकामियों और विफलताओं का ठीकरा उल्टा कॉंग्रेस पर फोड़ा जा रहा है.. कुछ…
मणिपुर में क्या हो रहा है?
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च बुलाया था। ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़प शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
कई परिवारों ने असम में शरण ली
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मणिपुर संकट पर चिंता जताई है और राज्य की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है। मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है। मैं मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में हूं और इस संकट की घड़ी में असम सरकार ने पूरा समर्थन देने का संकल्प लिया है।
#मणिपुर के लोगो ने सोचा था की बीजेपी को वोट देकर हिन्दू राष्ट्र बनाया जाए,,
लोग जल रहे है सड़को पर मर रहे है, लेकिन वही हिंदू राष्ट्र बनाने वाली सरकार कर्नाटक चुनाव में व्यस्त है..!! pic.twitter.com/qRULShGz2E
— SHAMSAD SHAIKH (@Golden_0786) May 5, 2023
स्थिति को काबू करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। कर्फ्यू लगाने संबंधी अलग-अलग आदेश आठ जिलों के प्रशासन द्वारा जारी किए गए हैं। इस बीच, सेना ने जानकारी दी है कि मणिपुर नागरिक प्रशासन की अपील पर विभिन्न इलाकों में सेना की तैनाती की गई है। यह तैनाती तीन मई शाम से की गई है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
मणिपुर में क्रिश्चियन् कूकी संप्रदाय द्वारा जनजातीय मैतेई समुदाय पर हमलें जारी है। मैतेई हिंदू नहीं होने का झूठा प्रचार किया जाता है, जो कि सरासर झूठ है! मैतेई वैष्णव हैं जो चैतन्य महाप्रभु के गौड़ीय संप्रदाय का पालन करते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना में विश्वास करते है। pic.twitter.com/Z8RoKXxaBw
— हम लोग We The People (@ajaychauhan41) May 5, 2023
9,000 से अधिक लोग विस्थापित
नगा और कुकी आदिवासियों की ओर से आदिवासी एकजुटता मार्च निकालने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई थी। हालात रात में और गंभीर हो गए थे। राज्य की 53 फीसदी आबादी वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं।
धन्यवाद मोदिजी, मणिपुर मे गुजरात मॉडल चालु करने के लिए 🙏#SayNoToBJP #SaveIndiaFromBjp pic.twitter.com/Z4TVuoloKr
— Shristi Chatterjee (@ShristiChaterj1) May 5, 2023
छात्रों को निकालेंगे सुरक्षित बाहर: अरुणाचल प्रदेश सीएम
अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा ने बताया कि प्रदेश सरकार मणिपुर सरकार के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि हम लगातार अपने छात्रों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए उनके संपर्क में है। मणिपुर से छात्रों की सुरक्षित निकालने के लिए आयुक्त सीएमओ की देखरेख में एक समन्वय समिति भी गठित की गई है।
हेल्पलाइन नंबर जारी: त्रिपुरा सीएम
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने हेल्पलाइन नंबर जारी करने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया कि त्रिपुरा सरकार ने मणिपुर में हाल की घटनाओं के संबंध में त्रिपुरा के निवासियों को 24×7 आधार पर सहायता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
Government of Tripura has opened the following helpline numbers for providing support on 24×7 basis to the residents of Tripura with respect to disturbance in Manipur:
ERSS: 112
State Emergency Operation Centre : 1070/ 0381-2416045/ 2416241
Whatsapp number: 8787676210
— Prof.(Dr.) Manik Saha (@DrManikSaha2) May 4, 2023
असम के गुवाहाटी में किया गया प्रदर्शन
असम के गुवाहाटी में रहने वाले मणिपुरी लोगों ने अपने राज्य में हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शुक्रवार को यहां प्रदर्शन किया। मणिपुर बस्ती इलाके में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया, जिसमें मुख्य रूप से मेइतेई समुदाय के लोग शामिल थे। गुवाहाटी के मणिपुर समन्वय समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां दिखाईं जिन पर लिखा था, “मणिपुर में शांति हमारे अस्तित्व की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।”
एके-47 राइफलों से लैस उग्रवादियों ने शांति रैली का आयोजन किया। पिछली बार ऐसा कश्मीर में हुआ था जिसके बाद हिंदुओं का सफाया हो गया था और हिंदु कश्मीर से भाग गए थे। मणिपुर में भी यही हो रहा है .. हिंदू भाग रहे है pic.twitter.com/37cOdy0EPS
— हम लोग We The People (@ajaychauhan41) May 5, 2023
मणिपुर हिंसाः हमले में गंभीर रूप से घायल बीजेपी MLA को राज्य से बाहर ले जाया गया
हिंसाग्रस्त मणिपुर के इम्फाल में हमले के बाद बीजेपी विधायक वुंगज़ागिन वाल्ते को राज्य से बाहर ले जाया गया है.
प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को उनके काफ़िले पर हमला कर दिया था, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गये.
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों ने राज्य की जनजातियों और मैतई समुदाय के बीच संघर्ष छिड़ा है. मणिपुर की जनजातियां इस बात से ख़ुश नहीं है कि बहुसंख्यक मैतई लोग राज्य में शेड्यूल ट्राइब का दर्जा मांग रहे हैं.
मणिपुर के डीजीपी पी डोंगेल ने कहा कि बीजेपी विधायक वुंगज़ागिन वाल्ते को एयर एंबुलेंस से राज्य के बाहर ले जाया गया है और उनकी हालत स्थिर है.
उन्होंने कहा कि राज्य में अगर कोई ग़लत काम करता है तो उसे बख़्शा नहीं जाएगा, साथ ही सेना को फ़्लैगमार्च का आदेश मिला है.
डीजीपी ने कहा कि दो दिन पहले हालात बहुत बुरे थे. राज्य में पुलिस की मदद के लिए सीआरपीएफ़ और बीएसएफ़ समेत कई सुरक्षा बल बुलाए गए हैं. राज्य में एक सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है.