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मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न मामले में कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया!

मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न मामले में गुरुवार को कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.

प्रशासन ने दोपहर एक बजे तक ही प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी. महिला कार्यकर्ताओं ने जमीन पर लेटकर नारे लगाए और कहा कि आज देश की महिलाएं सड़कों पर पड़ी हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है.

प्रदर्शन में शामिल एक कांग्रेस कार्यकर्ता प्रिया जयंत ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “मणिपुर नहीं देश जल रहा है. आज देश में उस नफरत की आग में जल रहा है कि देश की बेटियों को भुगतना पड़ रहा है. हम महंगाई, बेरोजगारी सब सहने के लिए तैयार हैं लेकिन बेटियों की आबरू पर जो इस वक्त आई है वो हमें स्वीकार नहीं हैं.”

“पीएम मोदी ने आज बोलकर जले पर नमक छिड़कने का काम किया. जब वो अगला विदेश की यात्रा करें तो याद रखें कि इस घटना को पूरी दुनिया देख रही है. वहां जाकर उन्हें इस महिलाओं के निर्वस्त्र परेड पर जवाब देना होगा.”

मणिपुर में चार मई को दो महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

Congress
@INCIndia
मणिपुर में महिलाओं के साथ हो रही वीभत्स घटनाओं के खिलाफ
@MahilaCongress
की साथियों ने अध्यक्ष
@dnetta
जी के साथ जंतर-मंतर पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

मणिपुर में देश की बेटियों की अस्मत से खेला जा रहा है और प्रधानमंत्री मोदी आंखें मूंद कर बैठे हैं।

इतिहास में मोदी सरकार को इस कायरता के लिए याद किया जाएगा।

एफ़आईआर में क्या लिखा है?

अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक़, कुकी-ज़ोमी समुदाय से जुड़ी इन महिलाओं के साथ चार मई को मैतेई बहुल थोबल ज़िले में यौन उत्पीड़न हुआ था.

हालांकि, इनके साथ हुए यौन उत्पीड़न की एफ़आईआर 18 मई को कांगपोकपी ज़िले में दर्ज की गई. इसके बाद इस केस को संबंधित पुलिस थाने में भेज दिया गया.

मणिपुर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी एसपी के मेघचंद्र सिंह ने इस घटना पर जारी प्रेस नोट में कहा है कि मणिपुर पुलिस दोषियों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रही है.

वीडियो में दिख रही एक महिला की उम्र लगभग 20 वर्ष और दूसरी महिला की उम्र 40 वर्ष बताई जा रही है.

इन महिलाओं ने अपनी शिकायत में बताया है कि वीडियो में सिर्फ़ दो महिलाएं नज़र आ रही हैं लेकिन भीड़ ने एक 50 वर्षीय महिला को भी कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था.

एफ़आईआर में कहा गया है कि एक युवा महिला के साथ दिन दहाड़े सामूहिक बलात्कार भी किया गया.

पीड़िताओं ने बताया है कि तीन मई को आधुनिक हथियारों से लैस 800 से लेकर 1000 लोगों ने थोबल ज़िले में स्थित उनके गाँव पर हमला बोला और इन लोगों ने गाँव में लूटपाट करने के साथ ही आग लगाना शुरू कर दिया.

ऐसी स्थिति में दो महिलाओं और युवा महिला अपने पिता और भाई के साथ जंगलों की ओर भागे.

शिकायत के मुताबिक़, पुलिस इन महिलाओं को बचाने में कामयाब भी हुई. पुलिस इन लोगों को थाने लेकर जा रही थी लेकिन थाने से दो किलोमीटर पहले ही भीड़ ने उन्हें रोक लिया.

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इन महिलाओं को पुलिस से छीन लिया, जिसके बाद युवा महिला के पिता को मौके़ पर ही मार दिया गया.

एफ़आईआर के मुताबिक़ तीनों महिलाओं को भीड़ के सामने निर्वस्त्र होकर चलने के लिए विवश किया गया और युवा महिला के साथ सरेआम गैंगरेप करने का आरोप है. एफ़आईआर के मुताबिक़ जब इस महिला के 19 वर्षीय भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसे भी मार दिया गया.