मणिपुर में जातीय हिंसा और महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में रविवार को गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में बंद का आयोजन किया जाएगा। एक आदिवासी नेता ने यह जानकारी दी।
मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई अमानवीय घटना पर झारखंड के रांची में आदिवासी समुदाय ने मार्च निकाल कर प्रतिशोध व्यक्त किया। इस घटना से देशभर में बहुजन समाज गुस्से में है। आदिवासी समुदाय अब यह अत्याचार सहन नहीं करेगा। @rashtrapatibhvn @narendramodipic.twitter.com/YdUXZjjmzX
— Tribal Army (@TribalArmy) July 22, 2023
विपक्षी कांग्रेस ने पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने में सत्तारूढ़ भाजपा की ‘विफलता’ के विरोध में बंद का समर्थन करने का फैसला किया है। आदिवासी एकता मंच सहित कई जनजातीय संगठन गुजरात के आदिवासी बहुल जिलों में बंद का आह्वान करने के लिए एक साथ आए हैं।
हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने वाले आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने कहा, ‘मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और मध्य प्रदेश में पेशाब की घटना और गुजरात में आदिवासियों पर अत्याचार के विरोध में आदिवासी समुदाय के आह्वान पर रविवार को गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में बंद का आयोजन किया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि बंद की घोषणा किसी एक संगठन या राजनीतिक दल के बैनर तले नहीं की गई है, बल्कि विभिन्न आदिवासी और अन्य सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की आम सहमति से की गई है। उन्होंने कहा, ‘मणिपुर पर केंद्र सरकार के रुख के विरोध में कई आदिवासी संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। उन्होंने कांग्रेस से बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया और पार्टी ने इसका पूरा समर्थन करने का फैसला किया है।
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि मणिपुर की स्थिति के लिए भाजपा जिम्मेदार है। चार मई को शूट किया गया वीडियो बुधवार को सामने आया, जिसमें मणिपुर में एक समुदाय की दो महिलाओं को कुछ पुरुषों द्वारा निर्वस्त्र घुमाते हुए दिखाया गया है। गुजरात में देश की अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी का लगभग आठ फीसदी हिस्सा है जो मुख्य रूप से राज्य के पूर्वी जिलों में केंद्रित है।
मणिपुर में तीन मई को शुरु हुई जातीय हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। हिंसक तब शुरू हुई थीं जब राज्य के मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति के दर्ज की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए गए थे।
मणिपुर में हिंसा की घटनाएं ‘भयावह’: केरल के मुख्यमंत्री
उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मणिपुर में हिंसा की घटनाओं को ‘भयावह’ करार दिया और आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर राज्य में ‘सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के शातिर एजेंडे’ के कारण संघर्ष जारी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए आग्रह किया कि सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली की मांग करनी चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मणिपुर से हिंसा की भयावह घटनाओं ने हर भारतीय की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। राज्य में चल रहा संघर्ष सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के शातिर एजेंडे के कारण है। सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग करनी चाहिए।’
माकपा नेता ने एक विस्तृत फेसबुक पोस्ट में कहा कि मणिपुर में दो महीने से अधिक समय से जारी जातीय हिंसा को केवल आशंका के साथ देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उस राज्य से मानवीय चेतना को झकझोरने वाले भयावह दृश्य आते रहते हैं और कुकी समुदाय की महिलाओं को दंगाइयों की भीड़ ने बेहद
घृणित और क्रूर तरीके से शिकार बनाया।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य विजयन ने आरोप लगाया कि मणिपुर में ईसाई समुदाय को जानबूझकर निशाना बनाने का प्रयास किया जा रहा है और वहां आदिवासी समुदायों के चर्चों पर व्यापक हमले किए जा रहे हैं और उन्हें नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने संघ परिवार पर सत्ता की राजनीति के लिए राज्य को दंगा क्षेत्र में बदलने का एजेंडा रखने का आरोप लगाया और देश के धर्मनिरपेक्ष समुदाय से इसे समझने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा नीत केंद्र सरकार की चुप्पी और हिंसा के पीछे संघ परिवार के एजेंडे की अब देश में कड़ी आलोचना हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले लोगों का यह कर्तव्य है कि वे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को मजबूत करने के ऐसे जानबूझकर प्रयासों का विरोध करें और उन्हें पराजित करें।
गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे विपक्षी सांसद
मणिपुर हिंसा पर बहस कराने को लेकर संसद में गतिरोध के बीच, विभिन्न विपक्षी दलों के सांसद सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके जरिये वे दोनों सदनों में जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री पर दबाव बनाएंगे।
सूत्रों ने कहा, इंडिया गठबंधन में शामिल विभिन्न विपक्षी दलों के नेता राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में सुबह 10 बजे मिलेंगे और संसद में अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। इसके बाद ये सभी सांसद गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे। सरकार गृहमंत्री के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा आयोजित करने पर सहमत हो गई है, लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है। खासकर मणिपुर के एक गांव में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और उनके साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद, विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है।