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मणिपुर में हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ विरोध तेज़, कर्नाटक में भाजपा की हार का कारण मणिपुर हिंसा भी माना जा रहा है!

मणिपुर में हुई हिंसा के बाद प्रदेश भाजपा के नाराज नेता और विधायक मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं। शुक्रवार को भाजपा के आठ कुकी विधायकों सहित दस कुकी विधायकों के अलग राज्य की मांग के बाद यह असंतोष और तेज गया है। अभी तक कोई खुलकर कुछ कह नहीं रहा है।

साथ ही शनिवार को आए कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार का एक कारण मणिपुर हिंसा भी माना जा रहा है। इस बीच, यह जानकारी मिल रही है कि सीएम एन बीरेन सिंह की जल्द हटाया जाएगा। पार्टी हाईकमान इस पर गंभीरता से विचार कर रही है, क्योंकि हिंसा के बाद पार्टी को केवल पूर्वोत्तर में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में नुकसान हो रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मणिपुर के सभी ट्राइबल एकजुट होने लगे हैं।

पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को मणिपुर हिंसा के शुरू हुए करीब 10 दिन बीत गए, लेकिन अभी तक राज्य में कर्फ्यू जारी है। केवल छह से सात घंटे कर्प्यू में ढील दी जा रही है। इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से निलंबित हैं। कुकी समुदाय के लोग पहले से ही नाराज हैं। धीरे-धीरे दूसरे लोग भी सरकार के खिलाफ हो रहे हैं। इस कारण भाजपा नेताओं पर स्थानीय लोगों का दवाब बढ़ रहा है। कुछ दिन पहले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने मणिपुर का दौरा किया था। बताया जा रहा है कि पार्टी नेताओं ने उनको वस्तु स्थिति से अवगत कराया है।

पार्टी नेतृत्व सीएम से खुश नहीं
सूत्र बताते हैं पार्टी नेतृत्व बीरेन सिंह से खुश नहीं है। वह हालात का सही आकलन नहीं लगा पाए। इससे जहां प्रदेश के भाईचारे को नुकसान पहुंचा है, वहीं पार्टी को नुकसान हुआ है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता कहते हैं, आज कर्नाटक में भाजपा हारी है। उसमें मणिपुर का सीधा-सीधा संबंध है।