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मणिपुर : यौन हमलों की शिकार 19 वर्षीय युवती ने बताया…. कपड़े उतार कर उन्हें दौड़ाया और फिर सामूहिक बलात्कार हुआ : रिपोर्ट!

महिलाओं पर यौन हमलों से जुड़े वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर के भयावह हालात के सूबुत पूरी दुनिया के सामने आ गए हैं.

यौन हमलों की शिकार एक 19 वर्षीय युवती ने अंग्रेजी अख़बार ‘द टेलीग्राफ’ को ख़ुद हमले का ब्यौरा देकर बताया कि हमलावरों ने क्या-क्या किया.

इस युवती अपने और कुछ दूसरी महिलाओं पर हुए इस भयावह अत्याचार की दास्तान मुख्यमंत्री एस. बीरेन सिंह के उस बयान के कुछ घंटों के बाद सुनाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसे सैकड़ों केस हुए हैं.

मुख्यमंत्री से पूछा गया था कि चार मई को दो महिलाओं के कपड़े उतार कर उन्हें दौड़ाया और फिर एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ.

इसके बाद 18 मई को इस बारे में एफ़आईआर दर्ज कराई गई. क्या मुख्यमंत्री को इस बारे में पता है? इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे सैकड़ों मामले हुए हैं.

यौन हमले की शिकार 19 वर्षीय युवती ने ‘द टेलीग्राफ’ को बताया कि वो मणिपुर के एक हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट की छात्रा हैं. उन्होंने बताया कि मैतेई समुदाय के लोगों की एक भीड़ ने चार मई को उन पर हमला किया था.

द टेलीग्राफ को इस युवती ने कहा कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने गुरुवार को कहा कि हमारे समाज में इस तरह के जघन्य अपराधों की कोई जगह नहीं है.

युवती ने कहा, ’’मुझे नहीं पता कि वो क्यों अब ये सब कह रहे हैं. क्या वे ये सब वायरल वीडियो देख कर कह रहे हैं.?’’

19 साल की इस छात्रा ने कहा, ‘’सिर्फ एक जातीय समूह का होने की वजह से महिलाओं पर इस तरह के हमले हो रहे हैं, ये मानने के लिए मुख्यमंत्री अभी कितने ऐसे और वीडियो का आने का इंतज़ार करेंगे.’’

युवती ने कहा, ‘’मुख्यमंत्री ने आज ( गुरुवार) को जो कहा कि उसका अब कोई मतलब नहीं रह गया है. क्योंकि एफ़आईआर दर्ज हुए 65 दिन हो चुके हैं और मैं अब भी न्याय का इंतज़ार कर रही हूं.”

”इस एफ़आईआर में मैंने ये बताया है कि किस तरह 150 हथियारबंद पुरुषों और महिलाओं ने चार मई को शाम चार बजे मेरे इंस्टीट्यूट पर हमला कर मुझे निशाना बनाया.”

युवती ने कहा,’’मैंने पहले ज़ीरो एफआईआर दर्ज कराी थी. ( ये एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकती है, चाहे घटना उस थाना क्षेत्र में हुई हो या नहीं.)‘’

युवती ने बताया कि उसने एफ़आईआर दिल्ली के उत्तम नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई थी क्योंकि उन्हें मणिपुर में इलाज के बाद दिल्ली के एम्स में आगे के इलाज के लिए लाया गया था.

युवती ने बताया कि वो मणिपुर लौटीं और चुराचांदपुर पुलिस थाने में 30 मई को एक और ज़ीरो एफआईआर दर्ज कराई.

युवती ने बताया कि उनके ब्यौरे के आधार पर एफ़आईआर में खतरनाक हथियारों से हमला करने, महिलाओं का अपमान करने, अपहरण और हत्या के आरोप दर्ज हुए थे.

उन्होंने बताया, ‘’ये एफ़आईआर वहां उस पुलिस थाने को भेज दिए गए थे, जिसके दायरे में हमारा इंस्टीट्यूट आता है.’’

युवती ने कहा, ’’मैं कई दिनों तक अस्पताल में पड़ी रही लेकिन मेरा बयान रिकॉर्ड करने के लिए किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया. जबकि ये अस्पताल इंफाल में पुलिस स्टेशन से कुछ ही मीटर दूरी पर था.’’

युवती ने कहा कि अब जब सीएम कह रहे हैं पुलिस कार्रवाई में लग गई है तो पता नहीं उनका क्या मतलब है.

युवती ने कहा कि चार मई को मेरे साथ हुआ उसका कलंक वो अब भी ढो रही हैं. उन्होंने कहा कि हमलावर उनके इंस्टीट्यूट में घुस आए थे और आइडेंटिटी कार्ड देख-देख कर कुकी छात्र-छात्राओं को निशाना बना रहे थे. डोरमेटरी में 90 स्टूडेंट थे.

उन्होंने कहा कि वहां हम दस लोग थे. दो को पुलिस ने बचा लिया और छह किसी तरह भाग निकलने में कामयाब हो गए.

युवती ने बताया, ‘’मुझे और मेरे दोस्त को पहचान कर पकड़ लिया गया. हम लोगों को अरामबाई तेंगोल और मैतेई लिपुन (उग्रपंथी मैतेई युवाओं का समूह) के युवाओं और महिलाओं ने पकड़ लिया.’’

‘आधे घंटे तक फुटबॉल की तरह किक मारते रहे’
युवती ने बताया, ’’लगभग आधे घंटे से अधिक देर तक ये लोग हमें फुटबॉल की तरह लात मारते रहे. लोग जत्थे में आकर हम पर कूद रहे थे. मेरे साथ जो हुआ उसे बताने में मेरे शब्द अब चूक गए हैं.’’

‘’मैं उन महिलाओं की आवाज़ कभी नहीं भूल सकती जो हम पर हमले के समय मारे ख़ुशी के चिल्ला रही थीं. वो इन युवाओं को हमें मारने के लिए उकसा रही थीं. ’’

‘’बेहोश होने से पहले मैं ये सुन पा रही थी कि क्या मैं जिंदा हूं. वे शायद मरा हुआ मान कर छोड़ गए थे.’’

‘’मुझे जब होश आया तो मैं जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, इम्फाल के आईसीयू में भर्ती थी. मुझे बताया गया था कि पुलिस वालों ने मुझे उठा कर वहां भर्ती कराया था.’’

‘’मेरे कुछ दोस्त और परिवार के लोग मुझे लेकर दिल्ली के एम्स आए और मुझे यहां भर्ती कराया गया.’’

उन्होंने अख़बार से कहा,’’ हेल्थकेयर सेक्टर में मेरा करियर बनाने सपना ध्वस्त हो गया.’’

युवती ने कहा, ’’अगर आप चुराचांदपुर जाएं तो पाएंगे कि आपको सैकड़ों ऐसी महिलाएं मिलेंगी, जिनके साथ ऐसा हुआ है. उनको निशाना बनाने के लिए 3 मई से योजना बना कर काम शुरू हो गया था. हमें अभी भी ये सुनने में आ रहा है कि ये हमले अब भी हो रहे हैं लेकिन ये थोड़े घट गए हैं.’’

‘मुख्यमंत्री से अब कोई उम्मीद नहीं’
उन्होंने कहा, ‘’मुझे मुख्यमंत्री से अब कोई उम्मीद नहीं है.’’

‘’लेकिन मेरा उनसे एक सवाल है. हेल्थकेयर स्टूडेंट होने के नाते हमें ये सिखाया जाता है धर्म, जाति या दूसरे पैमानों के आधार पर मरीजों से भेदभाव नहीं करो. मुख्यमंत्रियों ने सभी मणिपुरियों की सेवा करने की शपथ ली है चाहे वे किसी भी धर्म, जातीय समूह या जाति के क्यों न हों.

क्या उन्होंने अपने शपथ की ये लाज रखी है.

उन्होंने उन सारी महिलाओं को जवाब देना जिन्हें इस तरह हमले कर अपमानित किया गया है.

मणिपुर में सीआरपीएफ को और मजबूत करने की तैयारी, नगालैंड और असम से दो डीआईजी भेजे गए
मणिपुर में बेकाबू हिंसा के बीच वहां तैनात सीआरपीएफ के 5000 सुरक्षाकर्मियों को नए सिरे से चाक-चौबंद किया जा रहा है. इन्हें नए सिरे से व्यवस्थित करने के साथ ही नगालैंड और असम से वहां दो डीआईजी रैंक के अफसर भेजे गए हैं..

केंद्रीय गृह मंत्रालय से बातचीत के बाद सीआरपीएफ के महानिदेशक सुजय लाल थाओसन के बाद ये फैसला किया.

इंडियन एक्सप्रेस ने एक सीआरपीएफ के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि मणिपुर में अभूतपूर्व स्थिति है. पहले वहां सीआरपीएफ की छह कंपनियां तैनात थीं लेकिन इनकी संख्या बढ़ कर 57 हो गई है. कम से कम वे यहां छह महीने तक रह सकती हैं ताकि हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा सके.

मणिपुर में महिलाओं पर यौन हमले के वीडियो आने से पूरे देश में चिंता की लहर दौड़ गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर में हिंसा पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि महिलाओं पर इस तरह के हमले करने वालों को किसी भी कीमत नहीं छोड़ा जाएगा. इस संबंध में वहां कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं.