मणिपुर हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ये आंकड़े आधिकारिक हैं लेकिन मरने वालों की वास्तविक संख्या इससे ज़्यादा हो सकती है.
शनिवार को इंफाल वैली में जनजीवन पटरी पर लौटता हुआ दिख रहा है, दुकानें और बाज़ार खुल गए हैं और सड़कों पर गाड़ियां दिखने लगी हैं.
हालांकि सभी प्रमुख सड़कों और जगहों पर रैपिड एक्शन फोर्स और केंद्रीय पुलिस बलों के जवानों की भारी संख्या में मौजूदगी है.
मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. तीन मई को मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद से पूरा राज्य हिंसा की आग में झुलस रहा है.
बीबीसी हिन्दी की टीम मणिपुर के हालात को जानने के लिए यहां पहुंची है. देखिए यहां अभी क्या-क्या चल रहा है.
रिपोर्ट: राघवेंद्र राव
शूट/एडिट: मनीष जालुई pic.twitter.com/UjFrWnXSoR— BBC News Hindi (@BBCHindi) May 5, 2023
अधिकारियों का कहना है कि मरने वाले 54 लोगों में 16 के शव चूराचांदपुर ज़िले के अस्पताल के शवगृह में रखे गए हैं जबकि 15 शवों को इंफाल ईस्ट ज़िले के जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में रखा गया है.
इंफाल वेस्ट के अस्पताल रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में 23 शवों को रखा गया है.
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात को चूराचांदपुर ज़िले में हुई दो अलग-अलग मुठभेड़ों में पांच चरमपंथियों की मौत हो गई जबकि इंडियन रिज़र्व बटालियन के दो जवान घायल हो गए.
मणिपुर हिंसा की आग में क्यों जल रहा है?
मणिपुर एक बार फिर से हिंसा की आग में जल रहा है. मणिपुर की सरकार ने बेहद विषम परिस्थिति में हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है. तीन मई को मणिपुर हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद से पूरा राज्य हिंसा की आग में समा गया है. pic.twitter.com/2wF5Fmj8tD
— BBC News Hindi (@BBCHindi) May 5, 2023