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**तुमको** पागलख़ाने में दाख़िल दिलाने का इंतज़ाम हम करेंगे — सुमन मोहिनी
Suman Mohini ================ तुम दिन के उजाले में कहो ग़र कि दीपक जलाना है तो हम सवाल ना करेंगे तुम रात में कहो कि दिन है तो हम सवाल ना करेंगे तुम धूप में कहो कि चांदनी खिली है तो हम सवाल ना करेंगे तुम ग़र कहो कि हाथी उड़ता है तो हम सवाल ना […]
क़ाश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी!…..कुसुम सिंह लता की कविता पढ़िये!
Kusum Singh ============ काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी! ———————————- काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी, पंथ में पंखुड़ियां बिछाती, अगणित दीप से सजाती, मग के कंटक सहेजती। काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी! प्रियतम की धोती पीर, अपने ही नयनों के नीर, स्नेह की ज्योति जलाती, अनुराग तुम पर उड़ेचती। काश मैं होती तुम्हारी प्रेयसी! अक्षि में […]
मुझे दहेज़ चाहिए….तुम लाना तीन चार ब्रीफ़केस
मुझे दहेज़ चाहिए….तुम लाना तीन चार ब्रीफ़केस Makhan Singh Patel ======= पता नहीं किसने लिखा पर जिसने भी लिखा कमाल का लिखा.. मुझे दहेज़ चाहिए तुम लाना तीन चार ब्रीफ़केस जिसमें भरे हो तुम्हारे बचपन के खिलौने बचपन के कपड़े बचपने की यादें मुझे तुम्हें जानना है बहुत प्रारंभ से.. तुम लाना श्रृंगार के डिब्बे […]