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#मथुरा में मंदिर-मस्जिद का विवाद क्या है? कब और कैसे शुरू हुआ?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद क्या है? कब और कैसे विवाद शुरू हुआ? हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के दावे क्या-क्या हैं?

पहले जानिए
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद है। 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर मथुरा कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में पूरी जमीन लेने और श्री कृष्ण जन्मभूमि के बराबर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने विवादित स्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने की भी मांग की थी। निचली अदालत में ये मामला लंबित है। लगातार देरी होने के चलते याचिकाकर्ता मनीष यादव ने हाईकोर्ट का रूख किया। मनीष ने हाईकोर्ट में भी यही मांग की। इसके बाद कोर्ट ने निचली अदालत से आख्या मांगी थी। इसी मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई।


Sudarshan UP
@SudarshanNewsUp
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर शाही ईदगाह के कब्जे में बड़ी अपडेट

श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि मुक्त होने की दिशा में

कोर्ट ने विवादित स्थल की सर्वे के आदेश जारी किए

ज्ञानवापी की तर्ज पर होगा सर्वे, 20 जनवरी तक सौंपनी होगी सर्वे रिपोर्ट

Navjivan
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यह मुकदमा हिंदू संगठनों द्वारा कटरा केशव देव मंदिर से 17वीं सदी की #ShahiIdgahMosque को हटाने से संबंधित है, जिसमें दावा किया गया है कि मस्जिद #LordKrishna के जन्मस्थान पर बनाई गई है।

राहुल शर्मा । Rahul Sharma
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#मथुरा_शाही_ईदगाह के सर्वे का आदेश:कोर्ट में 20 जनवरी तक सौंपनी होगी रिपोर्ट; हिंदू पक्ष का दावा- #मस्जिद के नीचे #भगवान का गर्भगृह है। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह में स्वास्तिक का चिह्न, मंदिर होने के प्रतीक के साथ मस्जिद के नीचे भगवान का गर्भ गृह है।

कोर्ट ने मंदिर पक्ष की ओर से निचली अदालत में दाखिल अर्जी पर चार महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत मामले में 4 महीने में सुनवाई पूरी करें। निचली अदालत में मस्जिद के सर्वे कराने को लेकर अर्जी दाखिल की गई है। जिस पर सुनवाई चल रही है।

कितना पुराना विवाद?
शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है। 12 अक्तूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया। समझौते में 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों के बने रहने की बात है।

पूरा विवाद इसी 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। इस जमीन में से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। इस समझौते में मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी और मुस्लिम पक्ष को बदले में पास में ही कुछ जगह दी गई थी। अब हिन्दू पक्ष पूरी 13.37 एकड़ जमीन पर कब्जे की मांग कर रहा है।

इतिहास क्या कहता है?
ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं में जंग हुई। इसमें मराठा जीते। जीत के बाद मराठाओं ने फिर से मंदिर का निर्माण कराया। 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को आवंटित कर दी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली।