यरुशलम की अल-अक़्सा मस्जिद में इसराइली पुलिस की घुसकर कार्रवाई करने को लेकर इसराइल ने सफ़ाई दी है. जबकि सऊदी अरब ने कार्रवाई की निंदा की है.
इसराइल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इसराइल यथास्थिति कायम रखने के लिए और हालात को शांत रखने के लिए काम कर रहा है. अल-अक़्सा में इबादत करने वाले मुसलमानों का कहना था कि इस्लामी चरमपंथी मस्जिद के अंदर रुक गए, उन्हें बंद कर दिया और वो अन्य मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने मस्जिद में जाने से रोक रहे थे.”
Israel Foreign Ministry
@IsraelMFA
Israel government organization
@IsraelMFA को जवाब दे रहे हैं
“.. locked them in and prevented other Muslims from going to the Mosque to pray
They barricaded themselves with weaponry, rocks and fireworks.
After the authorities’ attempts at dialogue failed, and the extremists were refusing to allow Muslim worshippers to enter the Mosque…
Israel Foreign Ministry
@IsraelMFA
Israel government organization
“…and even threatened the holding of afternoon prayers today, the security forces were compelled to act in order to restore order.
🇮🇱 is committed to maintaining freedom of worship, free access for all faiths and the status quo on the Temple Mount…”
“उन्होंने हथियार, बड़े पत्थरों और आतिशबाजी की मदद से बैरिकेडिंग कर ली थी.”
इसराइल के मुताबिक़, बातचीत की कोशिश नाकाम होने का बाद सुरक्षा अधिकारियों ने ये कदम उठाए.
मुस्लिम देश इसराइल की कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “विदेश मंत्रालय स्पष्ट करता है कि सऊदी अरब के अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में इसराइल के हमले, वहां इबादत करने वालों के साथ दुर्व्यवहार और कई फ़लस्तीनी नागरिकों को गिरफ्तार करने की चिंताजनक घटना पर नज़र बनाए हुए हैं.”
उन्होंने कहा, “सऊदी अरब इस हमले की निंदा करता है और इन कदमों पर आपत्ति दर्ज करता है जो शांति प्रयासों को कमजोर करते हैं और धार्मिक पवित्रता के संबंध में अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं.”
Foreign Ministry 🇸🇦
@KSAmofaEN
·
Saudi Arabia government account
#Statement | The Ministry of Foreign Affairs clarifies that the Kingdom of Saudi Arabia is following with great concern the Israeli occupation forces’ storming of the courtyards of Al-Aqsa Mosque, assaulting worshipers, and arresting a number of Palestinian citizens.
फलस्तीनियों का कहना है कि इसराइली पुलिस के बल प्रयोग में 14 लोग घायल हो गए.
इसराइली पुलिस ने फ़लस्तीनियों के समूह के तितर-बितर करने के लिए स्टन ग्रेनेड (तेज़ आवाज़ पैदा करने वाले बम) और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया.
इसके बाद गज़ा पट्टी से इसराइल की ओर कम से कम नौ रॉकेट्स दागे गए जिनमें पांच रॉकेट्स को रास्ते में ही नष्ट कर दिया गया.
मस्जिदुल अक़सा पर इस्राईली सैनिकों के हमले के जवाब में रॉकेटों से हमला
मस्जिदुल अक़सा में नमाज़ियों पर इस्राईली सैनिकों के हमले के जवाब में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों ने ग़ज्ज़ा के आसपास स्थित अवैध ज़ायोनी बस्तियों पर रॉकेट दाग़े हैं।
ज़ायोनी सैनिकों ने हालिया दिनों में कई बार मस्जिदुल अक़सा में पर धावा बोला है और वहां मौजूद नमाज़ियों को निशाना बनाया है। ऐसी ही एक घटना में बुधवार को तड़के सहरी के समय इस्राईली सैनिकों ने मुसलमानों के तीसरे सबसे पवित्र धार्मिक स्थिल पर धावा बोल दिया और वहां मौजूद कई नमाज़ियों को ज़ख़्मी कर दिया।
फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधी गुटों की ओर से रॉकेट फ़ायर किए जाने के बाद, अवैध ज़ायोनी बस्तियों में ख़तरे के सायरन गूंज उठे और ज़ायोनियों में अफ़रा तफ़री मच गई।
सूत्रों का कहना है कि फ़िलिस्तीनी गुटों द्वारा दाग़े गए राकेटों में से एक रॉकेट सदीरूत बस्ती के एक कारख़ाने के निकट जाकर गिरा।
ज़ायोनी सैनिकों के अत्याचारों के जवाब में अवैध क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में भी फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधियों ने इस्राईली सुरक्षा चौकियों पर फ़ायरिंग की है। फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधियों की फ़ायरिंग में एक इस्राईली सैनिक के घायल होने के समाचार हैं।
Sarwar 🌐
@ferozwala
#BREAKING
#AlMayadeen correspondent: The Arab group has requested that an emergency closed session of the UN Security Council be held tomorrow to consider developments in occupied #Palestine.
मस्जिदुल अक़सा में इस्राईली सैनिकों का नमाज़ियों पर हमला, कई लोग घायल
रमज़ान के महीने में एक बार फिर इस्राईली सैनिकों ने मस्जिदुल अक़सा में इबादतगुज़ार फ़िलिस्तीनियों पर हमला करके कई लोगों को घायल कर दिया।
बुधवार को तड़के सहरी के समय इस्राईली सैनिकों ने मुसलमानों के तीसरे सबसे पवित्र धार्मिक स्थिल पर धावा बोल दिया और वहां मौजूद लोगों को निशाना बनाया।
फ़िलिस्तीनी रेड क्रीसेंट का कहना है कि इस्राईली सैनिकों के हमले में कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन उसने घायलों की संख्या नहीं बताई है। बयान में यह भी कहा गया है कि इस्राईली सैनिकों ने ज़ख़्मी होने वाले फ़िलिस्तीनियों तक चिकित्सा सहायता नहीं पहुंचने दी।
The moment when the lsraeli occupation forces broke into Al-Qibli Prayer Hall. pic.twitter.com/1AbW1quwb7
— TIMES OF GAZA (@Timesofgaza) April 5, 2023
मस्जिद में मौजूद एक बूढ़ी महिला ने रोते हुए पत्रकारों से बतायाः मैं कुर्सी पर बैठकर क़ुरान की तिलावत कर रही थी, उसी दौरान इस्राईली सैनिकों ने स्टन ग्रेनेड फेंके, उनमें से एक मेरी छाती पर आकर लगा।
फ़िलिस्तीनी संगठनों ने नमाज़ियों पर इस्राईली सैनिकों के हमले की निंदा की है और इसे एक भयानक अपराध क़रार दिया है।
फ़िलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदैना का कहना था कि हमने रेड लाइन पार करने वाले ज़ायोनी शासन को चेतावनी दी है, अगर यह क्रम नहीं थमा तो स्थिति विस्फ़ोटक हो सकती है।
lsraeli colonial settler shoots a Palestinian child in the Old City in occupied Jerusalem. pic.twitter.com/1BXe9rQkvf
— TIMES OF GAZA (@Timesofgaza) April 5, 2023
अमरीकी सीनेटर ने की ज़ायोनियों के हमले की निंदा
अमरीकी कांग्रेस की प्रतिनिधि ने मस्जिदुल अक़सा में की गई ज़ायोनी सैनिकों की कार्यवाही की आलोचना की है।
ज़ायोनी सैनिकों द्वारा मस्जिदुल अक़सा में रोज़ेदारों पर किये गए हमले की रशीदा तलीब ने कड़े शब्दों में निंदा की है।
इस बारे में एक वीडियो को देखने के बाद रशीदा तलीब ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह इस्राईल की रंगभेदी सरकार की हिंसक कारसतानी है जो बहुत ही ख़तरनाक है।
याद रहे कि बुधवार की सुबह ज़ायोनी सैनिकों ने मस्जिदुल अक़सा में मौजूद रोज़ेदारों पर हमला कर दिया। इस हमले से उनका लक्ष्य यह था कि रोज़ेदारों को मस्जिदुल अक़सा से निकाल दिया जाए जहां पर वे इबादत करने आए थे।
Citizens in Turkey take to the streets in protest against the lsraeli repressive measures practiced in Al-Aqsa. #SaveAlqsa pic.twitter.com/pUNFTNZ4zV
— TIMES OF GAZA (@Timesofgaza) April 5, 2023