महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार गिरने के बाद गठबंधन के तीनों दलों की मंगलवार को बैठक हुई है. अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बैठक में फ़ैसला ये हुआ है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे.
हालांकि, निकाय चुनावों को लेकर फ़ैसला इलाक़े के अनुसार मिलने वाले इनपुट के आधार पर किया जाएगा. इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शामिल हुए थे.
ठाकरे ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, ”हम तीन दलों ने दुनिया को घुटनों पर ला देने वाली कोविड-19 जैसी महामारी से लड़ाई लड़ी है. उसके मुक़ाबले ये (शिंदे-फडणवीस सरकार) एक छोटी-सी रुकावट है. हम इससे उभर आएंगे और हमारा एक साथ खड़े होना देश को संदेश देगा.”
ये बैठक शिवसेना के पार्टी कार्यालय में हुई थी. बैठक के लिए इस जगह का चुनाव ना सिर्फ़ महाविकास अघाड़ी में शिवसेना का नेतृत्व दिखाने के लिए किया गया था बल्कि इसमें शिंदे धड़े के लिए भी एक संदेश था कि ठाकरे का धड़ा ही असली शिवेसना है.
उद्धव ठाकरे के अलावा इस बैठक में महाविकास अघाड़ी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इनमें एनसीपी से अजीत पवार, जयंत पाटिल और दिलीप वल्से पाटिल, कांग्रेस से बालासाहेब थोराट, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण और समाजवादी पार्टी से रईस शेख़ भी शामिल थे.
Prasad Lad
@PrasadLadInd
कोविडच्या भितीने राजा बसला घरी
हवालदिल जनता फिरली दारोदारी
युवराजांच्या चेल्यांनी लुटली तिजोरी
भ्रष्टाचाराचे खोके पोहोचले यांच्या घरोघरी
महाविकास आघाडी सरकारच्या अडीच वर्षांच्या काळात राज्याची स्थिती कशी विदारक होती.
याची परिस्थिती सभागृहाच्या पायऱ्यांवर मांडली.
“शेतकऱ्यांना मदत न करणाऱ्या सरकारचा धिक्कार असो❗️”
राज्यात अतिवृष्टीमुळे शेतकरी हतबल झाला आहे, परंतु या असंवेदनशील सरकारला त्यांच्याकडे पाहायला देखील वेळ नाही. याच विरोधात आज विधानभवनाच्या पायऱ्यांवर महाविकास आघाडी तर्फे या निगरगट्ट सरकारचा निषेध करण्यात आला❗️#Maharashtra pic.twitter.com/Tmb1BHQYlE
— Nana Patole (@NANA_PATOLE) August 22, 2022