योनि में फिंगरिंग: ऑर्गेज्म (orgasm) पाने के कई तरीके हो सकते हैं। यौन संबंध बनाना, ओरल सेक्स करना, जननांगों को चूसने आदि से ऑर्गेज्म प्राप्त हो सकता है। सेक्स करते समय पुरुषों द्वारा महिलाओं को पूरी तरह से संतुष्ट करना काफी मुश्किल होता है। अगर आप अपनी पार्टनर को ऑर्गेज्म देकर खुश करना चाहते हैं और उनकी नजरों में अच्छा पार्टनर बनना चाहते हैं तो उन्हें फिंगरिंग (fingring) कर सकते हैं। फिंगरिंग करना यानि योनि में उंगली डालकर सेक्स जैसी कामुकता महसूस करवाना होता है। चलिए आपको बताते है फिंगरिंग करने के टिप्स, फायदे और नुकसान के बारे में।
महिलाओं की योनि में फिंगरिंग करके आप उन्हें चरम सुख की अनुभूति करवा सकते हैं, लेकिन यह कोई आसान काम नहीं होता है। बहुत बार पुरुष ऐसा करते समय काफी सारी गलतियां कर देते हैं जिससे महिलाओं को खुश करने की बजाय वे उनके गुस्से का शिकार हो जाते हैं। जब तक आपको वेजाइना में फिंगरिग करने का अनुभव ना हो तब तक आपको पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए। इस आर्टिकल में हम विस्तार से बताने जा रहे हैं कि योनि में फिंगरिग कैसे की जाती है और उसके क्या फायदे और नुकसान होते हैं। आइए जानते हैं कि क्या होता है योनि में फिंगरिंग करने का सही तरीका और इसे करने के फायदे और नुकसानों क्या है के बारे में।
योनि में फिंगरिंग करने के लिए टिप्स – Tips for fingering in vagina in Hindi
मानव शरीर और अंगों में संक्रमण (infection) का खतरा अधिक होता है और यह खतरा जननांगों में और भी अधिक होता है। चूंकि फिंगरिंग की प्रक्रिया में पेनिस की बजाय उंगली डालकर सेक्स करना होता है इसलिए अपनी उंगलियों को साफ करें और अपने नाखूनों को काट लें ताकि योनि में अधिक दर्द ना हो, चोट ना आए और किसी तरह के संक्रमण का खतरा ना हों।
लुब्रिकेशन जरुर करें योनि में उंगली करने से पहले
महिलाओं की वेजाइना उनके शरीर का काफी संवेदनशील हिस्सा होती है इसलिए फिंगरिंग से पहले लुब्रिकेशन बहुत जरुरी होता है। कुछ महिलाओं को प्राकृतिक रुप से पर्याप्त मात्रा में लुब्रिकेशन नहीं प्राप्त हो पाता है इसलिए आप आर्टिफिशियल लुब्रिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
योनि में ऊँगली डालने से पहले फोरप्ले करें
प्यार की शुरुआत करने और महिलाओं को सेक्स करने के लिए तैयार करने के लिए फोर प्ले करना बहुत जरुरी होता है। आपके प्यार की गर्मी उनमें यौन संबंध बनाने की ईच्छा पैदा करती है। इसलिए फोर प्ले करने के लिए उनके होठों, चेहरे, पेट, कमर, गर्दन आदि पर किस (kiss)करें, उनके हाव-भाव देखकर आप खुद ही समझ जाएगें कि वे फिंगरिंग के लिए तैयार है ।
फिंगरिंग करने से पहले पार्टनर को सहज हो जाने दें
हर महिला को सहज होने में थोड़ा समय लगता है, ऐसे में बिल्कुल भी जल्दबाजी ना करें। अगर आप सही तरह से फिंगरिंग करना चाहते हैं को पहले फोरप्ले अच्छे से करें ताकी जो कुछ भी हो रहा है आपकी पार्टनर उसमें सहज हो जाएं।
योनि में फिंगरिंग से पहले उंगलियों का इस्तेमाल करें
फिगरिंग करने से पहले महिलाओं की वेजाइना को भी फिंगरिंग करने के लिए तैयार करें। इसके लिए अपनी कोने वाली उंगली (index finger) और बीच वाली (middle finger) उंगली से वेजाइना के आसपास गोलाकार (circular motion) में घुमाएं इससे महिलाओं को कामुकता और उत्तेजना का अनुभव होता है। इसे डीजे प्रोसेस (dj process) भी कहा जाता है।
योनि में फिंगरिंग करते समय एक उंगली से शुरुआत करें
पार्टनर के उत्तेजित, लुब्रिकेट होने के बाद आप फिंगरिंग कर सकते हैं। इसके लिए पहले एक उंगली से शुरुआत करें और उसे धीरे-धीरे योनि में डालें। पहले एक उंगली को वेजाइना में डालकर फिंगरिंग करना शुरु करें।
पार्टनर को संतुस्ट करने के लिए दो उंगलियों का प्रयोग करें
जब आप एक उंगली का प्रयोग कर चुके होते हैं तो आप दूसरी उंगली का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए आप दूसरी उंगली को वेजाइना में डालें और पार्टनर के कंफर्टेबल (comfortable) हो जाने पर दोनों उंगलियों से फिंगरिंग करें। फिंगरिग करते समय आप दूसरे हाथ से वेजाइना पर उंगलियां भी फिरा सकते हैं।
फिंगरिंग करने का सही तरीका पार्टनर से बात करना
आप ऐसा करते समय अपने पार्टनर से पूछ सकते हैं कि उन्हें कैसा महसूस हो रहा है। उन्हें दोनों उंगलियों के साथ फिंगरिंग करना पसंद आ रहा है या एक उंगली से करवाना चाहती है, इन सवालों से आप जान सकते हैं कि आपका पार्टनर कैसे सहज है।
फिंगरिंग करने के फायदे
फिंगरिग यूरिनरी ट्रैक्ट को सर्विकल (cervicle) कैंसर से बचाती है। फिंगरिंग करने से लुब्रिकेट के रुप में जो म्यूकस (mucuse) बाहर निकलता है वह ना सिर्फ गर्भाश्य को लुब्रिकेट करता बल्कि इसके माध्यम से यूरिनरी ट्रैक्ट से टॉक्सिन्स भी निकल जाते हैं, यहीं कारण है कि फिंगरिग करने से कैंसर होने का खतरा नहीं होता है।
फिंगरिंग करने के फायदे कार्डियोवस्कुलर बीमारियां नहीं होती है
बहुत सारे रिसर्च में पाया गया है कि महिलाओं को ऑर्गेज्म से तनाव कम होता है। फिंगरिग से मिलने वाली संतुष्टी से तनाव कम हो जाता है जिससे तनाव के कारण पैदा होने वाली और कार्डियोवस्कुलर बीमारियां नहीं होती है।