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धीरज श्रीवास्तव चित्रांश का एक गीत पढ़ने के साथ सुनिए भी…
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश =========== पढ़ने के साथ सुनिए भी… एक सत्य घटना से उपजा परिस्थिति जन्य यह गीत.. एक प्रेमी प्रेमिका गाँव छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पर मिलने की योजना बनाते हैं प्रेमिका सारे रिश्ते तोड़ कर आ जाती है किंतु प्रेमी कुटिलता के चलते नहीं आता है उस प्रेमी के पश्चाताप को रेखांकित […]
जीत गए तो वसुधा का सुख भोगोगे,,,हार गए तो फिर संघर्ष दुबारा है…..By -समीक्षा सिंह
Samiksha Singh ================== जय श्री राम मित्रो, मैं नित्य जागती हूँ इस उद्देश्य के साथ कि आज दिन में कम से कम एक हिन्दू को जाग्रत करूँगी, मैं सोती हूँ इस आशा में कि जब जागूँगी मेरे पास कुछ नया होगा इस राष्ट्र को देने के लिए ….. इसी उपाहपोह में कई मित्रों की टिप्पणी […]
राम शिरोमणि उपाध्याय की एक ग़ज़ल और एक गीत!
Ram Shiroman Upadhyay =========== ग़ज़ल याद अपनी दिला कर चली गई पगली, दिल में अरमां जगा कर चली गई पगली। सर झुकाना हर समय अच्छा नहीं होता, मुझको यह बात बता कर चली गई पगली यहां अपनी मुसीबत आप ही सहनी पड़ती, हुनर जीने का सीखा कर चली गई पगली। मोहताज ज़िंदगी में किसी का […]