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ऐसा मैं इसलिए करूंगी कि किसी को भी मेरे पिता की मौत का इंतज़ार न रहे
Satyavir Singh Bhuria ================ 🚩 *अपना फर्ज* अरे पापा आप अभी तक तैयार नहीं हुए। बैग कहां है? आपका। चलिए मैं पैक करती हूं। पापा ने एक उदास नजर निली पर डाली निली बेटा मैं कहीं नहीं जाऊंगा। ये घर तेरी मां की यादों से भरा हुआ है।निली की आंखे भर आई पापा मां को […]
//छुट्टे सांड़//…….तेवरी ——❤️ईश्वर के अतिरिक्त–!❤️
चित्र गुप्त ================= लो चित्र देखकर हमने भी एक लघुकथा गांठ दी, पढ़िये !! //छुट्टे सांड़// ‘पर्चा ठीक-ठाक हो गया बिटिया’ ..? परीक्षा केंद्र के बाहर इंतज़ार में खड़े बूढ़े बाप ने बेटी को देखते ही पूछा.. हाँ बाबा हो गया… गुड्डन ने अपने कमीज के बाजू से माथे का पसीना पोंछते हुए जवाब दिया.. […]
क़ितराह: एक सुगंध, जो सबके मन मस्तिष्क को खुशनुमा बना देना चाहती है-लेखिका- Sushma Gupta
चित्र गुप्त ================= क़ितराह: एक सुगंध, जो सबके मन मस्तिष्क को खुशनुमा बना देना चाहती है। ************ उपन्यास की नायिका क़ितराह या कितारा एक ऐसी लड़की है जिसका वर्णन पढ़कर एक बार, बस एक बार उसे देख लेने की चाह ही पूरे जीवन का उद्देश्य बन जाए। कितारा वही कस्तूरी है जिसकी तलाश में मृग […]