नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन इस बार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से लोक सभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। पूर्व क्रिकेटर और पूर्व सांसद ने अपनी नई पसंद जाहिर की है। इस बार अजहरुद्दीन अपने गृह राज्य तेलंगाना की सिकंदराबाद सीट से लोक सभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने इस बात की जानकारी कांग्रेस को दे दी है। अजहरुद्दीन ने कहा कि आखिरी फैसला पार्टी के आलाकमान ही करेंगे, लेकिन उन्होंने अपनी मंशा पार्टी को बता दी है।
अजहरुद्दीन से जब सवाल किया गया कि उन्होंने पिछली बार ही सिकंदराबाद से चुनाव क्यों नहीं लड़ा, तब उन्होंने कहा कि 2009 में मुरादाबाद से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें जीत भी मिली थी, लेकिन जैसा कि ‘वह प्ले सेफ पसंद नहीं करते’, इसलिए 2014 में उन्होंने राजस्थान के टोंक-सवाई से चुनाव लड़ा। अजहर ने कहा कि इस बार वे सिकंदराबाद से इसलिए चुनाव लड़ना चाहते हैं, क्योंकि बहुत से लोगों ने उनसे कहा है कि इस बार उन्हें अपने गृह राज्य से चुनाव लड़ें।
अजहरुद्दीन ने कहा, ‘मैंने सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र के कई गांवों और जगहों का दौरा किया है, किसानों से बात की है, वे लोग चाहते हैं कि मैं सिकंदराबाद से ही चुनाव लड़ुं। मैंने अपनी यह राय पार्टी के आलाकमान (राहुल गांधी) तक पहुंचा दी है, लेकिन आखिर में पार्टी के पास ही सारी शक्तियां हैं। मैं यहां कोई कप्तान नहीं हूं, अगर मैं कैप्टन होता तो मैं तुरंत ही निर्वाचन क्षेत्र का चयन कर लेता।’
सिकंदराबाद से जीत मिलने के सवाल पर अजहर ने कहा कि वे जीत और हार कि चिंता नहीं करते, क्योंकि उनके सामने लोगों ने अपने विचार रखे हैं और उन्हीं से उन्हें प्रेरणा मिली है। अजहर ने कहा, ‘मैं सिकंदराबाद के लोगों के लिए काम करना चाहता हूं। मैंने उस निर्वाचन क्षेत्र में काफी मेहनत की है, लेकिन मैं पब्लिसिटी पर विश्वास नहीं रखता।
इसके साथ ही अजहर ने यह भी बताया कि वह कांग्रेस पार्टी से ही क्यों जुड़े। उन्होंने कहा, ‘…क्योंकि कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और मैं राजीव गांधी जी की बहुत इज्जत करता था।’ बता दें कि अजहर ने कांग्रेस की टिकट पर 2009 में मुरादाबाद से लोक सभा चुनाव लड़ा था और जीते भी थे।