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मेघालय उच्च न्यायालय ने असम-मेघालय सीमा समझौते पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया!

शिलांग, नौ दिसंबर (भाषा) मेघालय सरकार ने असम के साथ सीमा विवाद के शेष छह क्षेत्रों के समाधान के वास्ते गठित तीन क्षेत्रीय समितियों के लिए 45 दिनों का समय बढ़ा दिया है। यह जानकारी मुख्य सचिव डी पी वाहलांग ने शुक्रवार को दी।.

इससे पहले मेघालय उच्च न्यायालय ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच हुए एक समझौते के मद्देनजर सीमांकन या जमीन पर सीमा चौकियां स्थापित पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था। इस साल मार्च में हुए इस समझौते के तहत पहले चरण में 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा पर 12 विवादित क्षेत्रों में से छह का समाधान किया गया था।.

मेघालय उच्च न्यायालय ने असम-मेघालय सीमा समझौते पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया

शिलांग: मेघालय उच्च न्यायालय ने इस साल की शुरुआत में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षरित एक अंतरराज्यीय सीमा समझौते के संबंध में जमीन पर भौतिक सीमांकन या सीमा चौकियों के निर्माण पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है। आप सभी को बता दें कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के। संगमा और असम के उनके समकक्ष हिमंत विश्व शर्मा ने दोनों राज्यों के बीच अकसर तनाव उत्पन्न करने वाले 12 विवादित क्षेत्रों में से कम से कम छह के सीमांकन के लिए इस साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

जी हाँ, मेघालय के चार ‘ट्रेडिशनल’ (आदिवासी) प्रमुख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एच. एस. थांगखिव ने छह फरवरी 2023 को मामले की अगली सुनवाई तक इस पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया। आपको बता दें कि न्यायमूर्ति थांगखिव ने कहा, ‘‘इस दौरान 29।03।2022 के समझौता ज्ञापन के तहत, अगली सुनवाई तक कोई भौतिक सीमांकन या जमीन पर सीमा चौकियों का निर्माण नहीं किया जाएगा।’’

इसी के साथ याचिका में उच्च न्यायालय से दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। जी दरअसल याचिका में दावा किया गया कि यह संविधान की छठी अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, जो आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है।