उत्तर प्रदेश राज्य

मेरठ : कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया : रिपोर्ट

मेरठ।गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर के बाद सीएम योगी का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में माफिया की कोई जगह नहीं। इससे पहले बिजनौर में ढाई लाख का इनामी आदित्य राणा मुठभेड़ में मारा गया था।

बता दें कि पुलिस ने कुख्यात अनिल दुजाना को गुरुवार को मेरठ में मुठभेड़ में मार गिराया। बताया गया कि मेरठ में भोला झाल पर सक्रिय होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद एसटीएफ ने उसे चारों ओर से घेर लिया था। इस दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस की टीम ने उसे चारों ओर से घेर लिया। इसी बीच पुलिस की गोली लगने से वह ढेर हो गया।

Abhishek Kumar Kushwaha
@TheAbhishek_IND
एक लाख के इनामी खूंखार गैंगस्टर अनील दुजाना को यूपी एसटीएफ ने मेरठ के जानी इलाके में मार गिराया है।

अनिल दुजाना पर 62 केस दर्ज हैं और वह कई मामले में फरार चल रहा था।

मिट्टी में मिला दूँगा

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आज STF और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ गैंगस्टर अनिल दुजाना घायल हुआ जिसकी बाद में मृत्यु हो गई। वह चार पहिया गाड़ी में यात्रा कर रहा था इसके पास से एक 32 की पिस्टल, एक 30 की पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं: प्रशांत कुमार, स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर,लखनऊ

वेस्ट यूपी में था कुख्यात अनिल दुजाना का खौफ
कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना का वेस्ट यूपी में खौफ था। बृहस्पतिवार दोपहर को मेरठ में भोला की झाल पर एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। अनिल दुजाना वेस्ट यूपी में खौफ का पर्याय बना हुआ था। उस पर लूट डकैती हत्या समेत 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। मेरठ में एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने उसे गंगनहर पर लोकेशन मिलने के बाद घेर लिया, अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग की, जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।

वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना के पिछले दिनों जेल से बाहर आने की सूचना मिलने के बाद कई दिन से मेरठ एसटीएफ और वेस्ट यूपी की पुलिस उस की तलाश में जुटी हुई थी। कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना पिछले काफी समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था, लेकिन कुछ समय पहले वह जमानत पर बाहर आ गया।

बताया जाता है कि इसकी जानकारी मॉनिटरिंग सेल के द्वारा पुलिस को भेजी गई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने इसमें संज्ञान नहीं लिया। जेल से बाहर आते ही अनिल दुजाना ने जयचंद प्रधान मर्डर केस में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी। जिसके बाद उच्च अधिकारियों ने एक्शन लेते हुए अनिल दुजाना के खिलाफ पिछले सप्ताह में दो मुकदमे दर्ज किए।

मुजफ्फरनगर में छपार के खाद व्यापारी राजीव त्यागी की हत्या के मामले में कुख्यात अनिल दुजाना को आरोपी बनाया गया था। मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है और 11 मई को सुनवाई होनी है।

छपार के खाद व्यापारी राजीव गर्ग अपने भाई संजीव त्यागी की हत्या के मामले में गवाह थे। साल 2013 में राजीव त्यागी की हत्या कर दी गई थी। वारदात में अनिल दुजाना और जोगेंद्र जुगाला समेत कई आरोपियों को नामजद किया गया था।

दुजाना को तो जाना ही था, UP सरकार की सूची से एक और गैंगस्टर का पत्ता साफ, अब छह बाकी

कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को मुठभेड़ में मार गिराया। यूपी एसटीएफ की टीम ने इस कार्रवाई को मेरठ में अंजाम दिया। अनिल दुजाना पर यूपी समेत अन्य राज्यों में 60 से अधिक हत्या, रंगदारी, फिरौती आदि के केस दर्ज थे। बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था।

— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 4, 2023
बता दें कि गौतमबुद्धनगर के सात गैंग और गैंगस्टर पर तेज व प्रभावी कार्रवाई करने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने पहले ही तैयारी कर रखी थी। इसमें अनिल दुजाना का नाम थी शामिल था। प्रदेश सरकार की तरफ से माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में राज्य भर के 66 माफिया की लिस्ट बनाई गई है। इनमें सात गौतमबुद्धनगर के थे। इस सूची में अब छह गैंग बचे हैं।

प्रदेश सरकार की तरफ से हाल में ही प्रदेश भर के 66 गैंगस्टर की लिस्ट बनाई गई थी। इनमें सात गैंगस्टर गौतमबुद्धनगर से थे। इनमें सुंदर भाटी, अनिल दुजाना, रणदीप भाटी, सिंहराज भाटी, अनिल कसाना, अनिल भाटी व मनोज उर्फ आसे का नाम शामिल हैं। इनमें से अनिल दुजाना का आज अंत हो गया।

नोएडा व ग्रेटर नोएडा में नब्बे के दशक में जो गैंगवार शुरू हुई थी। इनमें से अधिकतर गैंगस्टर उन्हीं गैंगवार के उपज हैं या उनकी अगली पीढ़ी के हैं।

गौतमबुद्धनगर के ये गैंगस्टर जनपद के बाहर भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। ये बदमाश स्क्रैप, सरिया, पार्किंग, ट्रांसपोर्ट से लेकर जमीन कब्जा करने के मामलों में शामिल रहे हैं और यही इन गिरोह की आर्थिक रीढ़ रही है।

अब कमिश्नरेट पुलिस इन गैंगस्टर के छोटे-छोटे से गुर्गों के बारे में पता लगा रही है और उनकी सूची तैयार कर उन पर कार्रवाई करने की योजना को अंतिम रूप दे रही है। इसके लिए कुछ स्तर पर काम शुरू भी हो गया है। कमिश्नरेट पुलिस इन सूचीबद्ध गैंग की अवैध कमाई से अर्जित संपत्ति को जब्त करना शुरू भी कर दिया है।

गौतमबुद्धनगर में बचे अब ये छह गैंगस्टर
1. सुंदर भाटी: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध की दुनिया का सबसे बड़ा नाम है। यह ग्रेटर नोएडा के घंघोला गांव का रहने वाला है। यह 1990 के बाद से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा है। वर्तमान में सुंदर भाटी सोनभद्र जेल में बंद है। अतीक- अशरफ हत्याकांड के आरोपियों से भी इसका नाम जुड़ा था।
2. अनिल भाटी: यह कुख्यात सुंदर भाटी का भतीजा है और अब सुंदर गैंग को सक्रिय रूप से देखता है। हालांकि यह दिल्ली की जेल में बंद है। सुंदर भाटी की उम्र होने के बाद उसका आर्थिक व क्राइम के साम्राज्य में इसका काफी दखल है।
3. सिंहराज भाटी: यह भी कुख्यात सुंदर भाटी के रिश्ते में भतीजा लगता है। इसने भी सुंदर के साथ मिलकर अपराध की दुनिया में बड़ा गिरोह खड़ा किया और आर्थिक स्थिति को भी बेहतर किया है। यह भी जेल में बंद है। इसका पश्चिमी यूपी से लेकर आसपास के राज्यों के गैंग से बेहतर संबंध रहा है।
4. अमित कसाना: अमित कसाना पश्चिमी यूपी की जरायम की दुनिया का बड़ा नाम है। ग्रेटर नोएडा में नब्बे की दशक में इसके मामा नरेश भाटी की हत्या की दी गई थी। तब वह सुंदर भाटी गिरोह से बदला लेने के लिए अपने मामा के गैंग को संभाला था। अमित कसाना भी दिल्ली की जेल में बंद है।
5. रणदीप भाटी: यह कुख्यात सरगना रहा नरेश भाटी का छोटा भाई है। यह भी जनपद का बड़ा गैंगस्टर है और कई गिरोह के साथ इसके गुर्गों के संबंध हैं। इसने भी अवैध तरीके से आर्थिक संपन्नता हासिल की है। यह भी जेल में बंद है।
6. मनोज उर्फ आसे: यह इन सबसे नया गैंगस्टर है। यह ग्रेटर नोएडा के इमलिया गांव का रहने वाला है और अभी फरार चल रहा है। इसका गैंग कुछ महीने ही पंजीकृत हुआ है। इस पर भी हत्या, रंगदारी जैसे संगीन कई मुकदमें दर्ज हैं।