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एक स्त्री मन होना चाहता है बुद्ध…:”…कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं…!!रूबी सत्येन्द्र कुमार की दो कवितायेँ पढ़िये!!
एक स्त्री मन होना चाहता है बुद्ध…:…कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं…!!रूबी सत्येन्द्र कुमार की दो कवितायेँ पढ़िये!! Satyendra Rubi Gupta Kushinagar =============== कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं। मैने तो हर शाम इनकी सिसकियाँ सुनी है।⚘⚘⚘⚘⚘⚘ हृदय तक बात पहुँच जायें तो आशीर्वाद दीजिएगा ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ गीत तन जर्जर और मन भी जर्जर फिर भी […]
पिछले कुछ दिनों से बहू के साथ एक विचित्र बात होती
Arvind Verma ============= घर की नई नवेली इकलौती बहू एक प्राइवेट बैंक में बड़े ओहदे पर थी । उसकी सास तकरीबन एक साल पहले ही गुज़र चुकी थी । घर में बुज़ुर्ग ससुर औऱ उसके पति के अलावे कोई न था । पति का अपना कारोबार था । पिछले कुछ दिनों से बहू के साथ […]
गाँधी जग से गये कि सब दसकन्धर जाग गये…..By-धीरज चित्रांश
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश =============== गांधी जी की पुण्य तिथि पर एक पुराना गीत विशेष … गाँधी जग से गये कि सब दसकन्धर जाग गये। खद्दर पहन के बापू के सब बन्दर भाग गये। जब से आज़ादी आईं, ज्यादा बर्बादी लाई। चौड़ी कर डाली तुमने, धनिकों श्रमिकों की खाई। रूहें हुई इतनी काली, गंगा मैली कर […]