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मोदी राज में ‘रॉकेट’ बनी ईडी : 2920 दिन में 5310 केस, रोज दर्ज हो रहे मामले, कांग्रेस बोली?

अजय माकन ने कहा, केंद्र के दबाव में ईडी एवं सीबीआई द्वारा एक स्कीम चलाई जा रही है। इसका नाम है ‘ग्लो एंड लवली’ स्कीम। इसके तहत, सरकार के खिलाफ मत बोलो, चुप हो जाओ, या भाजपा में आ जाओ, तो सब गुनाह माफ हो जाते हैं…

कांग्रेस पार्टी ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ‘ईडी’ को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। पार्टी नेता अजय माकन ने कहा, भाजपा का ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ (ईडी), ज्यादातर विपक्षी नेताओं को ही टारगेट करता है। भाजपा नेता, जिन पर ईडी के मामले दर्ज हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही। उन पर ईडी की मेहरबानी देखने को मिल रही है। मोदी राज में ईडी, रॉकेट बन गई है। मौजूदा समय में ईडी द्वारा दर्ज केसों की संख्या 5,422 है। बतौर माकन, कमाल तो ये है कि उनमें से 98 फीसदी मुकदमे यानि 5,310 केस मोदी राज में (पिछले आठ साल) दर्ज किए गए हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से ईडी ने 30 घंटे से भी अधिक समय तक पूछताछ की है। मोदी सरकार, ईडी के माध्यम से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।
‘ईडी’ एवं ‘सीबीआई’ चला रही ‘ग्लो एंड लवली’ स्कीम

अजय माकन ने कहा, कांग्रेस पार्टी जो देश का प्रमुख विपक्षी दल है, इसके मुख्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस ने उसके अंदर घुस कर नेताओं पर लाठी चार्ज किया। इससे भारतीय लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। इतना ही नहीं, राहुल गांधी के मामले में सरकार द्वारा झूठी एवं चयनात्मक खबरें प्लांट कराई जा रही हैं। केंद्र के दबाव में ईडी एवं सीबीआई द्वारा एक स्कीम चलाई जा रही है। इसका नाम है ‘ग्लो एंड लवली’ स्कीम। इसके तहत, सरकार के खिलाफ मत बोलो, चुप हो जाओ, या भाजपा में आ जाओ, तो सब गुनाह माफ हो जाते हैं।
भाजपा नेताओं पर जांच एजेंसियों की मेहरबानी

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, जब कांग्रेस में थे, तो लुईस बर्जर केस व शारदा घोटाले में, उन्हें ईडी और सीबीआई ने बुलाया या नहीं बुलाया। उसके बाद वे कांग्रेस से दौड़कर भाजपा में शामिल हो गए। चूंकि अब वे भाजपा के मुख्यमंत्री हैं तो शारदा घोटाला व लुईस बर्जर केस कहां चले गए। ईडी के समन का क्या हुआ। ऐसे नेताओं के सामने विकल्प था कि वे भाजपा में आते हैं तो उनके सब गुनाह माफ हो जाएंगे। वे साफ सुथरे बनकर बाहर निकल जाते हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, उन पर ईडी का केस दर्ज है या नहीं है। माकन ने कहा, येदियुरप्पा के अलावा उनके बेटे को ईडी का समन आया था या नहीं। आजकल ईडी का केस कहां चला गया है। नारायण राणे जब कांग्रेस में थे, तो उन पर जांच एजेंसियों की रेड हुई। ईडी और इनकम टैक्स के मुकदमे दर्ज हुए। नारायण राणे के भाजपा में शामिल होते ही वे पाक साफ बन गए। उनके खिलाफ ईडी व सीबीआई के केस अब कहां पर हैं।
सोमेन मित्रा और रमन सिंह का क्या हुआ

कांग्रेस नेता अजय माकन ने सोमेन मित्रा का उदाहरण दिया है। सोमेन मित्रा, कांग्रेस और टीएमसी में भी रहे हैं। उन पर मुकदमा हुआ था। ईडी के सामने उनकी कई पेशी लगी थी। अब वे भाजपा में शामिल हो गए, तो सब कुछ खत्म हो गया। रमन सिंह के ऊपर और उनके बेटे पर ईडी का केस है या नहीं। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के मुकदमे कहां चले गए हैं। कर्नाटक में जो मंत्री 40 फीसदी कमिशन खाते हुए पकड़े गए, उन पर ईडी के केसों का क्या हुआ। मुकुल रॉय, जब तक वे एक दूसरी पार्टी में थे, उन पर ईडी का केस था। जैसे ही वे भाजपा में आए तो ईडी का केस ठीक हो गया। सुवेंदु अधिकारी, उन पर बहुत सारी कार्रवाई हुईं, लेकिन जैसे ही वे भाजपा में आए तो सब ठीक हो गया। ऐसे नेताओं की एक लंबी लिस्ट है। वह स्कीम चल रही है कि भाजपा में भर्ती हो जाओ और दूध से धुले बन जाओ।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछे कई सवाल

राहुल गांधी की पेशी को लेकर माकन ने कहा, ईडी की एफआईआर कहां है। पीएमएलए के तहत कौन सा ‘अनुसूचित अपराध’ हुआ है, जिसकी ईडी ने जांच शुरू की है। किस पुलिस एजेंसी ने ‘अनुसूचित अपराध’ के संबंध में एफआईआर दर्ज की है। अगर एफआईआर है तो कहां है। क्या आप हमें एफआईआर की कॉपी दिखाएंगे।

क्या आप जानते हैं कि ‘अनुसूचित अपराध’ और एफआईआर के बिना, ईडी के पास पीएमएलए के तहत जांच शुरू करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। अग्निपथ स्कीम का मतलब ‘नो रेंक नो पेंशन’ और 4 साल की सेवा के बाद ‘भरी जवानी में रिटायरमेंट का टेंशन’। केंद्र सरकार, जांच एजेंसियों के माध्यम से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को परेशान कर रही है।

जनरल रावत की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है सरकार

माकन के मुताबिक, अग्निपथ स्कीम जनरल बिपिन रावत की सोच के विरुद्ध और उनके अपमान की दास्तां है। जनरल बिपिन रावत एवं अधिकांश सेना अधिकारी, सैनिकों के कार्यकाल को बढ़ाना चाहते थे। सैनिक, जो वर्तमान में 17 वर्षों के बाद रिटायर हो जाते हैं, उनकी सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष करने का प्रस्ताव 2020 में जनरल रावत लाए थे। भारत के करोड़ों नौजवान 3-4 साल से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं। साल 2019-20 के बाद से सरकार ने सेना की भर्ती बंद कर रखी हैं। अब तीन साल बाद सेना भर्ती की घोषणा हुई तो ‘नो रेंक नो पेंशन’ के साथ भरी जवानी में रिटायरमेंट का टेंशन दे दिया।

आजाद भारत के पहले सीडीएस विपिन रावत, जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया, केंद्र सरकार उनकी भावनाओं को भी ठेस पहुंचा रही है। उनके कार्यकाल के दौरान अक्तूबर 2020 में एक सर्कुलर निकला था। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘हम सैनिकों को भर्ती करते हैं और उन्हें शुरू के वर्षों में सियाचिन, द्रास, गुरेज जैसे स्थानों पर घर से दूर कठिन स्थानों पर भेजते हैं। उन्हें कम उम्र में ही रिटायर कर देते हैं। उन्हें बहुत थोड़ी सी 18000 रुपये के लगभग पेंशन दी जाती है। फिर वे दूसरी नौकरी ढूंढते हैं। उनके अधीन डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर ने 29 अक्तूबर 2020 को एक सर्कुलर निकाला, जिसमें कर्नल की रिटायरमेंट की आयु सीमा 54 से 57 साल, ब्रिगेडियर की 56 से 58 साल और मेजर जनरल की रिटायरमेंट उम्र 58 से 59 साल करने का प्रस्ताव दिया था।