उत्तर प्रदेश राज्य

मोहम्मद आज़म खां बरी, क्या आज़म खां की विधायिकी बहाल हो जायेगी?

सपा नेजा आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से बरी कर दिया गया है। इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2022 को आजम खां को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायिकी चली गई थी।

अब सवाल उठ रहा है की आजम का अब क्या होगा? बरी होने के बाद क्या आजम की विधायिकी बहाल हो जायेगी? जो मौजूदा विधायक हैं उनका क्या? आइए समझते है…

पहले जानते हैं हुआ क्या है?
नफरती भाषण मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा आजम खां को तीन साल सजा सुनाए जाने के फैसले के खिलाफ उन्होंने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट ट्रायल की कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख भी किया गया है।

तो आजम खान की विधायिकी बहाल हो जाएगी?
सेशन कोर्ट के इस फैसले से आजम खां को एक राहत मिली है, लेकिन उनकी विधायिकी अभी भी बहाल नहीं होगी। क्योंकि 15 साल पुराने छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम की विधायिकी चली गई थी।

किसी भी परिस्थिति में आजम खान विधायिकी बहाल होगी?
आजम खान को अभी नफरती भाषण मामले में राहत मिली है। एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा खान को तीन साल सजा सुनाए जाने के फैसले के खिलाफ उन्होंने सेशन कोर्ट में अपील की थी। इसी तरह वह छजलैट प्रकरण में भी मुरादाबाद कोर्ट की दो साल की सजा के खिलाफ ऊंची अदालत में जा सकते हैं। यहां आजम खान को दो प्रकार की राहत मिल सकती है; पहला या तो आजम खान की सजा को दो साल से घटा दिया जाए और दूसरा या तो छजलैट केस में बड़ी अदालत मुरादाबाद कोर्ट के सजा के फैसले को ही रद्द कर दे।

दोनों मामलों में राहत मिलने से क्या होगा?
यदि नफरती भाषण और छजलैट प्रकरण दोनों में सपा नेता आजम खान को राहत मिल जाती है तो वह तुरंत चुनाव लड़ने के लिए योग्य हो जाएंगे। अभी की परिस्थिति में आजम खान दो साल की सजा पूरी होने के छह साल बाद ही चुनाव लड़ सकेंगे। इस नियम का उल्लेख जनप्रतिनिधि कानून में किया गया है।

विधायिकी बहाल नहीं हुई तो फिर किस प्रकार की राहत?
भले ही दोनों मामलों में सपा नेता आजम खान को राहत मिल जाती है तब भी उनकी विधायिकी नहीं बहाल होगी। इस मामले पर इलाहबाद हाईकोर्ट के वकील सिद्धार्थ शंकर दुबे कहते हैं, ‘आजम खान को राहत सजा के मामले में मिली है। इसलिए वह दोबारा चुनाव लड़ने के लिए योग्य हो गए हैं।’ आगे उन्होंने कहा, ‘रामपुर सीट पर चुनाव हो गए हैं इसलिए अब वहां कुछ नहीं हो सकता। इसके अलावा अन्य किसी सीट से चुनाव लड़ पाएंगे।