दुनिया

म्यांमार : चक्रवात ‘मोका’ से कम से कम 81 लोगों की मौत, 130 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चली!

चक्रवात की मार से प्रभावित म्यांमार में मंगलवार तक कम से कम 81 लोगों की मौत हो गई है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से दी है।

गौरतलब है कि रविवार को म्यांमार के बंदरगाह शहर सितवे में चक्रवात ‘मोका’ ने जोरदार तबाही मचाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चक्रवात के चलते रखाइन प्रांत की राजधानी सितवे के कुछ हिस्सों में बाढ़ भी आ गई थी और 130 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चली।

कैसे पड़ा ‘मोका’ नाम?
इस शक्तिशाली तूफान को ‘मोका’ नाम मिडिल ईस्ट एशिया के एक देश यमन ने दिया है। ‘मोका’ यमन का एक शहर है, जिसे मोखा भी कहते हैं। ये शहर अपने कॉफी व्यापार के लिए जाना जाता है। इसी के नाम पर ‘मोका कॉफी’ का भी नाम पड़ा।

कौन देता है चक्रवातों के नाम?
संयुक्त राष्ट्र की इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल के 13 सदस्य देश तूफानों का नाम देते हैं। इसमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाइलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं। इस क्षेत्र में उत्पन्न चक्रावतों के नाम देने वाले ग्रुप शामिल देश अल्फाबेटिकली नाम देते हैं। जैसे कि B से बांग्लादेश पहले आता है तो वह पहले नाम सुझाएगा, फिर भारत और फिर ईरान और बाकी देश।