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यदि कोई व्यक्ति महिला के नहाते समय बाथरूम में झांकता है तो….

बाथरूम में नहाना एक निजी कृत्य है। भले ही बाथरूम सार्वजनिक हो और उसमें दरवाजा नहीं, बल्कि केवल पर्दा हो। यदि कोई व्यक्ति महिला के नहाते समय बाथरूम में झांकता है तो यह धारा-354 सी के तहत अपराध है। हाईकोर्ट ने एक आरोपी की सजा के खिलाफ अपील खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि बंद बाथरूम में नहा रही महिला उम्मीद करती है कि गोपनीयता पर हमला नहीं किया गया है और उसे देखा नहीं जा रहा है, लेकिन अंदर झांकने वाले अपराधी के कृत्य को निश्चित रूप से उसकी निजता पर हमला माना जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति की यौन अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

इसके बाद अदालत ने दोषी सोनू उर्फ बिल्ला द्वारा दायर अपील खारिज कर दी। उसे निचली अदालत ने आईपीसी की धारा-354सी और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया था। सोनू को एक साल के सश्रम कारावास और 20,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।\

सितंबर 2014 में दोषी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। किशोरी ने आरोप लगाया था कि वह उसे यौन इरादे से देखता था और जब भी वह नहाने जाती थी तो वह अलग-अलग बहाने से बाथरूम के बाहर खड़ा होकर झांकता था।