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यमन युद्ध को पूरे हुए आठ साल, यमन के रक्षा मंत्री ने कहा-सुझाव पर अमल करें नहीं तो….!

यमन के स्वास्थ्य उपमंत्री ने बताया है कि सऊदी गठबंधन के साथ युद्ध में इस देश को बहुत बड़े पैमाने पर नुक़सान हुआ है।

मुतह्हर अल मरूनी ने बताया कि सऊदी गठबंधन की कार्यवाहियों ने यमन के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर स्वास्थ्य के क्षेत्र को बहुत गंभीर नुक़सान पहुंचाया है। उनका कहना था कि इसकी भरपाई के लिए बहुत अधिक धन और संभावनाओं की आवश्यकता है।

अल मरूनी ने बताया कि दवाओं और चिकित्सा उकरणों की कमी के कारण बड़ी संख्या में यमन वासी काल के काल में समाते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यमन के हवाई अड्डे और वहां की बंदरगाहें सब ही बंद हैं, एसे में बीमारों के लिए दवाएं उपलब्ध करवना बहुत कठिन हो चुका है। आवश्यक दवाओं के अभाव में बहुत से यमनी बीमार अपनी जान गंवा चुके हैं।

उन्होंने सनआ के हवाई अड्डे के परिवेष्टन पर अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी की निंदा करते हुए कहा कि यमन के सवास्थ्य कर्मियों के साहस और अथक प्रयासों के कारण ही आज हम अपने देश वासियों की सेवा करने में सक्षम हैं।

याद रहे कि सऊदी गठबंधन ने 26 मार्च 2015 को यमन के विरुद्ध आक्रमण आरंभ किया था। यमन के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अलअसबही ने बुधवार को बताया है कि पिछले आठ वर्षों के दौरान सऊदी गठबंधन की कार्यवाहियों में 48217 लोग शहीद और घायल हुए हैं जिनमें 3160 यमनी बच्चे शामिल हैं।

हमलावर देशों को यमन की खुली धमकी, सुझाव पर अमल करें नहीं तो….

यमन के रक्षा मंत्री ने कहा है कि अगर हमलावर सैनिकों ने हमलों को रोकने के लिए अंसारुल्लाह प्रमुख के सुझाव पर अमल नहीं किया, तो उन्हें पछताना पड़ेगा।

अल-मसीरा समाचार चैनल के अनुसार, यमन की राष्ट्रीय मुक्ति सरकार के रक्षा मंत्री मुहम्मद नासिर अल-आतेफ़ी ने, जो हज्जा प्रांत में सेना और पीपुल्स वालंटियर फ़ोर्स का निरीक्षण करने के लिए मीदी शहर पहुंचे, स्पष्ट रूप से कहा कि जनांदोलन अंसारुल्लाह के प्रमुख अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अलहूसी की चेतावनी को गंभीरता से लें और हमले को रोकें और यमन की भूमि से घेराबंदी करें और पीछे हट जाएं, अन्यथा अगला युद्ध संकल्प और इरादे का युद्ध होगा जिसमें दुश्मन का काम समाप्त हो जाएगा और यमनी जनता की जीत सुनिश्चित होगी।

ज्ञात रहे कि यमन के जनांदोलन अंसारुल्लाह के प्रमुख अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अल-हूसी ने शनिवार रात एक भाषण में सऊदी अरब और इमारात को अमेरिका का हथकंडा बनने से रोकने का निर्देश दिया और कहा कि रियाज़ और अबू धाबी को अपने हितों का ख़याल रखना चाहिए और क़ैदियों की अदला-बदली करनी चाहिए और यमन की घेराबंदी को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

अंसारुल्लाह के प्रमुख ने कहा था कि अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन और ज़ायोनी शासन का लक्ष्य सऊदी अरब और इमारात को यमन युद्ध में उलझा रखना है।

उन्होंने कहा कि शांति प्रक्रिया, आक्रमण और घेराबंदी की समाप्ति, यमन के पुनर्निर्माण, युद्ध के नुकसान की भरपाई और कैदियों की अदला-बदली पर निर्भर करती है।