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युवा हुंकार : देश में बढ़ती बेरोज़गारी पर 25 से ज़्यादा संगठनों ने 9 जुलाई को जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने का एलान किया!

नई दिल्ली।देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए 25 से ज्यादा संगठनों ने 9 जुलाई को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन का एलान किया है। इसी दिन केंद्र सरकार का बेरोजगारी की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए और उस पर ठोस नीति बनवाने के लिए एक वोट एक रोजगार आंदोलन की मुहिम शुरू की जाएगी।

युवा हुंकार के संस्थापक और इस आंदोलन के अगुवा डॉ. संत प्रकाश का कहना है कि देश के एक प्रतिशत लोग जो कि देश के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग करते हैं यदि अपनी आय का कुछ हिस्सा बढ़ाकर ‘कर’ के रूप में देश के कोष को दे दें तो एक वोट पर एक रोजगार की बात को आसानी से साकार किया जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए तत्काल कानून बनाकर अमली जामा पहनाया जाना चाहिए।

हाल में इसी कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर 25 जून को दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित एन.डी. तिवारी भवन में एक बैठक हुई थी। इसमें न्यूनतम वेतन की गारंटी, समान काम के लिए समान वेतन की मांग के साथ 60 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को सम्मानजनक पेंशन की भी मांग पर चर्चा की गई। बैठक में कई युवा एवं नागरिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

इनमें देश के आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जमात ए उलेमा ए हिंद द्वारा स्थापित सद्भावना मंच के राष्ट्रीय संयोजक जावेद सिद्दीकी कासमी ने बेरोजगारी को देश के लिए अभिशाप माना तथा उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग करने वाले इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया। लोक शक्ति अभियान के दिल्ली प्रदेश के संयोजक सुशील खन्ना, नागरिक सरोकारों से जुड़ी माही सिंह, मोहिन्दर सिंह, ज्योत्सना शर्मा, जतिन भल्ला, शशांक यादव, शकुंतला, प्रकाश कुमार, नाजमा, दीपक धोलकिया, दिल्ली साझा मंच के संयोजक संजय कन्नौजिया, विकास सैनी एवं शुभम ने भी वोट एक रोजगार पर अपने विचार रखे और सुझाव दिए।

रोजगार गारंटी बिल का मसविदा तैयार करने के लिए युवा अर्थशास्त्री योगेश कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई। इस बैठक में एक वोट एक रोजगार के संवैधानिक पक्ष पर युवा अर्थशास्त्री योगेश कुमार ने विस्तृत चर्चा की। वहीं जनाधिकार संघर्ष अभियान के संयोजक एवं शिक्षाशास्त्री अश्विनी कुमार सुकरात ने इस संदर्भ अपने सुझाव दिए।