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यूक्रेन का 600 वर्गकिलोमीटर का भाग पानी में डूब गया : यूक्रेन में भारी जान माल की तबाही का ज़िम्मेदार कौन है?

यूक्रेन में असैनिक स्थल भी चढ़े युद्ध की भेंट

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यूक्रेन के “कोख़ोव्का” बांध की दुर्घटना के कारणों के स्पष्ट किये जाने पर बल दिया है।

यूक्रेन के ख़रसून क्षेत्र में स्थित कोख़ोव्का बांध इसी सप्ताह टूट गया था। इस बांध के टूटने से बहुत बड़ा क्षेत्र जलमग्न हो गया तथा हज़ारों लोगों को अपने घर छोड़कर दूसरे स्थानों पर जाना पड़ा।

कोख़ोव्का बांध के टूटने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतीन ने इसको बहुत ही ख़तरनाक कार्यवाही बताया है।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कोख़ाव्का बांघ दुर्धटना पर खेद जताते हुए कहा है कि यूक्रेन की झड़पों की जटिलता को देखते हुए बांघ की दुर्घटना के कारणों का पता चलाना ज़रूरी है और यह मालूम किया जाए कि इसका ज़िम्मेदार कौन है?

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यूक्रेन युद्ध के बारे में इस्लामी गणतंत्र ईरान की निष्पक्ष नीति का उल्लेख करते हुए ग़ैर सैनिक प्रतिष्ठानों को नुक़सान पहुंचाकर आम लोगों के जीवन को ख़तरे में डालने की कार्यवाही की जांच की मांग की।

वैस यह तो जांच का विषय है कि इस बांध में विस्फोट कराने या उसके टूटने का ज़िम्मेदार कौन है परंतु जो बात तो बहुत साफ है कि इस बांध के टूट जाने से जो व्यापक तबाही हुई है वह रूस और यूक्रेन के मध्य जारी युद्ध का एक दुष्परिणाम है। कोख़ोव्का बांघ के टूटने या तोड़े जाने के बारे में विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं।

यूक्रेन में भारी जान माल की तबाही का ज़िम्मेदार कौन है?

रूस और यूक्रेन के मध्य जारी युद्ध खतरनाक रूप धारण करता जा रहा है।

यूक्रेन के काफूफका बांध में विस्फोट होने से क्षेत्र में बाढ़ गयी है और प्राप्त समाचारों में कहा गया है कि यूक्रेन के दक्षिण में 600 वर्गकिलोमीटर का भाग पानी में डूब गया है और बहुत से गांवों में बाढ़ आ गयी है। यूक्रेनी सूत्रों ने कहा है कि मंगलवार को रूसी सैनिकों ने काफूफका बांध को विस्फोटित कर दिया जबकि रूसी अधिकारियों ने इस बात से इंकार किया है कि काफूफका बांध के विस्फोट में मास्को की कोई भूमिका नहीं है और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी जांच कराये जाने की मांग की है।

रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने कहा है कि पश्चिम काफूफका बांध में विस्फोट के लिए रूस को ज़िम्मेदार दिखाने की चेष्टा में है और उसके इस कार्य का लक्ष्य रूस से डराना है और इस हादसे के संबंध में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच कराये जाने की मांग की है। इसी बीच वाशिंग्टन में रूसी राजदूत ने भी कहा है कि अमेरिका काफूफका बांध को खराब होने के संबंध में यूक्रेन को दोषमुक्त दिखाने के प्रयास में है और उसके लिए रूस को ज़िम्मेदार बताना चाहता है।

काफूफका बांध 30 मीटर ऊंचा और 302 मीटर लंबा और इसका निर्माण 1956 में दनिपर नदी पर किया गया था। इस बांध से क्रीमिया प्रायद्वीप की जलापूर्ति भी होती है। इस बांध के टूट जाने से जिन क्षेत्रों में बाढ़ गयी है उसका 68 प्रतिशत भाग रूस के अधिकार में है जबकि शेष यूक्रेन के नियंत्रण में है।

प्राप्त समाचारों के अनुसार लगभग दो हज़ार लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकल गये हैं और उन्हें अस्थाई राहत शिविरों में ठहराया गया है। इसी प्रकार समाचारों में कहा गया है कि काफूफका बांध के टूट जाने से 14 हज़ार मकान पानी में डूब गये हैं और रूसी अधिकारियों ने कहा है कि लगभग साढ़े चार हज़ार लोगों को क्षेत्र से निकाल लिया गया है।

इस बात का पता तो बाद में चलेगा कि काफूफका बांध में विस्फोट या उसके टूटने का ज़िम्मेदार कौन है परंतु जो बात जगज़ाहिर है वह यह है कि इस बांध के टूट जाने से जो तबाही हुई है वह रूस और यूक्रेन के मध्य जारी युद्ध का एक दुष्परिणाम है।

सवाल यह पैदा होता है कि अमेरिका इस युद्ध को क्यों जारी रखना चाहता है और युद्धविराम की बात करने के बजाये यूक्रेन को सैन्य हथियारों से लैस कर रहा है और हर कुछ समय पर घोषणा करता है कि यूक्रेन को नया पैकेज दिया जा रहा है? बहुत जानकार हल्कों का मानना है कि अस्ल युद्ध अमेरिका और रूस के बीच हो रहा है और दूसरे पश्चिमी व यूरोपीय देश अमेरिका की सैन्य भुजा के रूप में काम कर रहे हैं और इससे जानमाल की जो तबाही हो रही है उससे सबसे अधिक नुकसान यूक्रेन को उठाना पड़ रहा है। इस युद्ध से अमेरिका रूस की कमर तोड़ देना चाहता है।

अब कोई भी अमेरिका से यह पूछने वाला नहीं है कि यूक्रेन में जो जान माल की भारी तबाही हो रही है उसका ज़िम्मेदार कौन है? कौन कौन से देश हैं जो युद्ध विराम कराने के बजाये यूक्रेन के लिए हथियारों की खेप भेज रहे हैं। दूसरे शब्दों में जो देश यूक्रेन को हथियारों से लैस कर रहे हैं वही रूस- यूक्रेन के मध्य युद्ध के जारी रहने के पक्षधर हैं और साथ ही यही देश रूस और यूक्रेन में होने वाली तबाही व बर्बादी के ज़िम्मेदार हैं और अमेरिका में रूसी राजदूत के बयान को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है कि अमेरिका यूक्रेन में आतंकवाद का समर्थन कर रहा है।