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यूक्रेन जंग का बहाना बनाकर यूरोपीय देशों की सरकारें अपने ख़ुफ़िया एजेंडे पूरे कर रही हैं : वीडियो

….यूक्रेन की जंग से पश्चिमी देशों की सरकारों को एक मौक़ा मिल गया है कि वे रूस के ख़िलाफ़ ज़ोरदार टिप्पणी करें और इसी मुद्दे को बहाना बनाकर अपने सामरिक कार्यक्रमों को विस्तार दें।.

…..हालांकि ब्रिटेन में मीडिया और बहुत से विशेषज्ञ कहते हैं कि महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। प्रधानमंत्री श्रषि सोनाक ने एलान किया कि चार अरब पाउंड से ज़्यादा की रक़म अन्य पांच युद्धपोतों के निर्माण के लिए आवंटित की गई है। इससे निश्चित रूप से हथियारों का विरोध करने वाले गलियारों में नाराज़गी पैदा होगी।……महिला नागरिक का कहना था कि हमें अपनी सरकार को कड़ा संदेश देना चाहिए कि इंसानों की हत्या, हथियार बेचकर जेबें भरने और साथ ही साथ दूसरों को नसीहतें करते रहने की शैली हरगिज़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।……ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस की गतिविधियों ने हम सब को ख़तरे में डाल दिया है।

उन्होंने रूस को नफ़रत अंगेज़ क़रार दिया। मगर क्या इस तरह की बातों से करदाताओं को संतुष्ट किया जा सकता है कि उनका पैसा हथियारों की ख़रीदारी पर ख़र्च हो?…..एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम हथियार बनाने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस ग़ैर इंसानी व्यापार का नतीजा क़त्ले आम और व्यापक तबाही है। हम इसलिए टैक्स नहीं देते कि सरकार इस तरह की हरकतें करे। प्रदर्शन अलग अलग शक्लों में जारी है। कुछ लोग तो बारिश में भीगकर प्रदर्शन कर रहे हैं।….एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम इंसानों की ज़िंदगी के महत्व को ज़ाहिर करना चाहते हैं।

हम कालों, फ़िलिस्तीन की जनता, यमन और अन्य जंगग्रस्त देशों के बच्चों का समर्थन करते हैं और हम कहते हैं कि प्राथमिकता इंसानों की ज़िंदगियां हैं हथियार बनाने वाली कंपनियों की जेब भरना नहीं। परमाणु हथियार विरोधी एलायंस के अनुसार परमाणु हथियारों के नवीनीकरण पर ब्रितानी सरकार 100 अरब पाउंड से ज़्यादा रक़म ख़र्च करेगी। संस्थाएं कहती हैं कि ब्रिटेन की लगभग 68 मिलियिन की आबादी में साढ़े 14 मिलियन की आबादी ग़रीबी में जीवन गुज़ारने पर मजबूर है। मगर इस दशा में इस देश के अधिकारी जनता से मांग कर रहे हैं कि वह अधिक कठोर आर्थिक नीतियों का सामना करने के लिए ख़ुद को तैयार करे।

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