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यूक्रेन में कराए गए जनमत संग्रह के परिणाम को स्वीकार नहीं करेंगे : बाइडेन

रूस के राष्ट्रपति ने ख़ेरसान और ज़ापोज़िया पर कराए गए जनमत संग्रह के परिणामों को स्वीकार करते हुए उनके स्वावलंबन की घोषणा को आधिकारिक रूप में मान्यता दे दी है।

क्रेमलिन के अनुसार विलादिमीर पुतीन ने एक अध्यादेश जारी करके यूक्रेन के इन क्षेत्रों को अपनी स्वीकृति दे दी है। रूसी संचार माध्यमों के अनुसार यह काम इन क्षेत्रों के रूसी फेडरेशन में सम्मिलित होने के मार्ग का पहला क़दम है।

दूसरी ओर अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उनका देश यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों के रूस मे विलय के जनमत संग्रह को स्वीकार नहीं करता। उन्होंने कहा कि यह काम रूस का समर्थन करने वाले गुटों ने किया था।

इसी बीच अमरीका के विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि रूस ने यूक्रेन में जो जनमत संग्रह करवाया वह पूरी तरह से ग़ैर क़ानूनी था। उनका कहना था कि यह अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के विरुद्ध है। यूक्रेन में रूस द्वारा कराए गए जनमत संग्रह का राष्ट्रसंघ ने भी विरोध किया है।

राष्ट्रसंघ के महासचिव का इस बारे में कहना है कि ज़ोर-ज़बरदस्ती करके किसी भी देश के एक भाग को दूसरे देश में मिलाना, राष्ट्रसंघ के घोषणापत्र के ख़िलाफ़ है।

याद रहे कि रूसी संचार माध्यमों में बताया गया है कि यूक्रेन के जिन क्षेत्रों में जनमत संग्रह या रेफरेंडम करवाया गया वहां के अधिकांश लोगों ने रूस के साथ विलय के पक्ष में मतदान किया है।

रूस पहले ही कह चुका है कि हमने पांच 23 सितंबर से 27 सितंबर तक​​​​​​ जनमत संग्रह कराया। इसमें मिले समर्थन के आधार पर हम यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहांस्क, जापोरिजिया और खेरसॉन को अपने देश में मिला रहे हैं। इसके लिए वोटिंग कानूनी तौर पर कराई गई है।