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यूरोप में गैस की क़ीमत में हो रही तेज़ वृद्धि के बाद आपस में भिड़े यूरोपीय देश : रिपोर्ट

गैस की क़ीमतों के लिए कैप निर्धारित किए जाने के मुद्दे पर यूरोपीय देश आपस में भिड़ गए हैं।

यूरोप में गैस की क़ीमत में हो रही तेज़ वृद्धि के बाद रूसी गैस के लिए प्राइस कैप निर्धारित करने के लिए अगले मंगलवार को यूरोपीय देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक होने वाली है मगर इससे पहले यूरोपीय देशों के बीच गंभीर मतभेद पैदा हो गए हैं।

ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि बेल्जियम, यूनान, इटली और पोलैंड सहित 12 देशों ने इशारा दे दिया है कि वे प्राइस कैप निर्धारित करने की कोशिशों को सफल नहीं होने देंगे बल्कि बाज़ार को संभालने के लिए कोई दूसरा उचित रास्ता अपनाना ज़रूरी है।

इस बीच यूरोपीय संघ के सेंट्रल बैंक ने चेतावनी दी है कि गैस संकट का वित्तीय व्यवस्था पर बहुत गंभीर असर पड़ रहा है।

शनिवार को यूरोपीय देशों ने रूसी गैस की प्राइस कैप पर सहमति बनाने के लिए शनिवार को बैठक की मगर गहरे मतभेदों के कारण सहमति नहीं बन पाई। अब सोमवार को भी इसी मुद्दे पर बात होगी।

27 देशों के संघ में 12 देशों ने कहा है कि जिस प्राइस कैप के बारे में इस समय बात हो रही है वे चाहते हैं कि प्राइस कैप उससे काफ़ी कम हो।

यूक्रेन जंग के बाद रूस ने यूरोप के लिए गैस की सप्लाई बहुत कम कर दी है जिसकी वजह से यूरोप में ऊर्जा की क़ीमतों बहुत ज़्यादा बढ़ गई हैं।

जर्मनी और हालैंड का कहना है कि अगर गैस के लिए प्राइस कैप इतनी कम निर्धारित की गई जिससे गैस उत्पादक देश संतुष्ट न हुए तो पूरे यूरोप के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी।

पश्चिमी देशों ने रूस के तेल के लिए प्राइस कैप निर्धारित की है जिसके बाद रूस ने कह दिया है कि जो भी देश प्राइस कैप के आधार पर तेल ख़रीदना चाहेगा उसे रूस तेल नहीं बेचेगा।