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रब के घर में देर है अंधेर नहीं है…. इस कहावत को विश्व के सभी धार्मिक लोग सही मानते हैं, पर क्या यह कहावत सही है या ग़लत?

Meghraj Singh
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रब के घर में देर है अंधेर नहीं है इस कहावत को विश्व के सभी धार्मिक लोग सही मानते हैं पर क्या यह कहावत सही है या ग़लत है इस कहावत के ऊपर एक ख़ास विश्लेषण —
मेरे निजी अनुभवों के अनुसार यह कहावत बिलकुल ग़लत है जैसे कि —
जब रब के बनाए हुए तत्व और ज्ञान से इंसान को फ़ायदा पहुँचने में देर नहीं होती तो रब के घर मे देर कैसे हो सकती है जैसे की—-

नंबर वन —-जैसे कि रब की बनायी हुई ऑक्सिजन इन्सान को जब भी साँस लेता है तब तुरंत उसको फ़ायदा पहुँचाती है हवा इंसान को फ़ायदा पहुँचाने में कभी भी देर नहीं लगाती ।

नंबर दो— अगर इंसान को प्यास बहुत ज़्यादा लगी हो अगर दो घंटे से इंसान प्यास से तड़प रहा हो अगर उसको उस वक़्त रब का बनाया हुआ पानी मिल जाए तो पानी उसको तुरंत फ़ायदा पहुंचाएगा तुरंत उस की प्यास बुझाएगा प्यास बुझाने में पानी देर नहीं करेगा ।

नंबर तीन— अगर इंसान भूख से तड़प रहा हो और इंसान ने दो तीन दिन भोजन ना खाया हो और अगर उसको उस वक़्त भोजन मिल जाए तो भोजन उसकी भूख को मिटाने में देर नहीं लगाएगा जब भी वह भोजन खाना शुरू करेगा तभी उसकी भूख मिटानी शुरू हो जाएगी भूख मिटाने में भोजन देर नहीं लगाता ।

नंबर चार— जैसे किसान जब तक बीज धरती में नहीं बोते तब तक बीज ऐसे ही पड़े रहते है जब किसान धरती के अंदर बीज बो देते हैं तब रब की बनाई हुई धरती तुरंत उसके ऊपर अपना काम करना शुरू कर देती है उसी बीच से धरती पौधा बनाकर पेड़ बना देती है पेड़ से फल दे दी है कभी भी धरती अपने काम में देर नहीं लगाती ।

नंबर पाँच— जैसे सच्चे महापुरुषों का ज्ञान सच्चा होता है जब भी इंसान उस ज्ञान ध्यान से पढ़ते हैं और उस ज्ञान को अपने मन में बसा लेते हैं तब इंसान के अंदर से अज्ञान का अंधेरा मिट जाता हैं रब का बनाया हुआ सच्चा ज्ञान अज्ञान को मिटाने में देर नहीं लगाता ।
जैसे हवा पानी भोजन धरती और ज्ञान रब के बनाए हुए यह सब तुरंत कार्रवाई करके इंसान को फ़ायदा पहुँचाते हैं कभी देर नहीं लगाते ।
वैसे ही अगर इंसान सच्चे मन से पुरी सच्चाई से रब को याद करें उस के नाम में ध्यान लगाए तब रब इसान से मिलने में कभी देर नहीं लगाते ।

कुछ महत्वपूर्ण शायरी
जब तक मन में झूठ है बेईमानी है छल कपट है घमंड है हीनभावना है दुविधाएँ हैं गलतफहमियां है तब तक हरेक काम में देर लगेगी क्योंकि यह सब रब के घर तक पहुँचने में बाधाए हैं ।

जब तक इन्सान पाखंडवाद में फँसा रहेगा अपनी मनमर्ज़ी करता रहेगा किसी की बातों को सुनेगा नही अपने आप को ज्ञानवान समझेगा तब तक रब तक पहुँचने में देर लगेगी क्योंकि यह सब बाधाएँ है ।

जब इंसान सच को सचमुच अपनाएंगे सच लिखेंगे सच बोलेंगे तब रब को मिलने में देर नहीं लगेगी और उसके काम सारे सफल होंगे ।
जब इंसान अपने अंदर से रब को ढूँढ लेंगे तब उनके अंदर है ज्ञान का प्रकाश होगा उनका जीवन ख़ुशहाल होगा तभी वह इस बात को समझेंगे की रब के घर में कभी देर नहीं है इस बात को सही समझ लेंगे ।

नोट —सच्ची बातें सच्चे इंसान ही समझ सकते हैं जिनके अंदर अनुभवी ज्ञान होता है वही सच्चाई को पहचान सकते हैं और वह यह बात कभी नहीं कहेंगे कि रब के घर मे देर है अंधेर नहीं है बल्कि ये कहेंगे की रब तो इंसान के अंदर ही है बस इन्सान के जागने की देर है ।
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(सतयुगी किंग M S Khalsa)