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हम इतने बेवकूफ़ नही…..जाओ मौज करो…..
Tajinder Singh ============== हम इतने बेवकूफ नही….. एक दिन एक मित्र दो नारियल खरीद कर घर जा रहा था। एक बड़ा नारियल घर मे चटनी बनाने के लिए और एक छोटा नारियल ऊपरवाले पर चढ़ाने के लिए। आपने भी देखा होगा धर्म स्थलों के बाहर कभी अच्छे और बड़े नारियल नही मिलते। यही हाल देसी […]
स्त्रीचरितमानस (गुटका संस्करण) के कुछ फटे हुए पन्ने
,Kavita Krishnapallavi ================ स्त्रीचरितमानस (गुटका संस्करण) के कुछ फटे हुए पन्ने प्रबुद्ध स्त्री कल एक प्रबुद्ध स्त्री मिली I उसका पति बहुत अधिक प्रबुद्ध था I वह दुनिया को अपने पति के नज़रिए से देखती थी I * मुक्त स्त्री कल एक मुक्त स्त्री मिली I अपनी सभी व्यक्तिगत-सामाजिक जिम्मेदारियों-जवाबदेहियों से,सभी सामाजिक सरोकारों-प्रतिबद्धताओं से, सभी […]
….मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा!
Sukhpal Gurjar ==================== सेठ ताराचंद किराना के व्यापारी थे। छोटा सा गाँव था, और छोटी सी दुकान थी उनकी। ईमानदारी से दुकान चलाते थे और इज्जत से रहते थे। तीन बेटे थे उनके, दुलीचंद, माखन और सेवा राम। गाँव में सिर्फ आठवीं तक का स्कूल था, आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता था। […]