ठाकुर अंशुमान सिंह
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#राजस्थान_हरियाणा_के_कायमखानी_चौहानो_का_इतिहास
कायमखानी #मुसलमानों का राजपूतो से 6 सदी पुराना नाता है। इन्होंने इस्लाम तो अपना लिया लेकिन राजपुताने की उन परम्पराओं से नाता नहीं तोड़ा जो उन्हें विरासत में मिलीं। #कायमख़ानी #चौहानों का इतिहास तेरहवीं सदी से जुड़ा हुआ है। जब दिल्ली में तुगलकी शासन थ। ये वाक़ई दिलचस्प है कि कायमखानी मुसलमानों में आज भी राजपूती परम्पराएं न सिर्फ सांस ले रही है, बाकि फैल रही हैं। झुंझुनू जिला हरियाणा से जुड़ा हुआ है, इसलिए यहां के परिधानों में हरियाणा का असर देखने को मिलता है। राजस्थान के अंदर के जिलों में आज भी कायमखानी मुसलमान महिलाओं और राजपुताना महिलाओं की वेशभूषा में कोई फ़र्क़ नज़र नहीं आता। कायमख़ानी हवेलियों का आर्किटेक्ट भी हूबहू राजपूताना जैसा ही है।
कौन थे कायमखाँ :
“#गोगाजी चौहान से करीब 15-16 पीढीयों के बाद मोटेराव हुआ जिसके चार पुत्र थे, जिनमें से करमचंद चौहान (कायमखाँ) हुए।
ददरेवा #रियासत के #महाराज मोटे राव चौहान के बेटे कुंवर करम सिंह एकबार शिकार खेलते हुए भटक कर दूर जा निकले । वह थक कर एक वृक्ष की छाया में सो गये । अन्य वृक्षों की छाया ढल गई पर उस वृक्ष की छाया यथावत बनी रही। #उसी समय सुल्तान #फ़िरोजशाह तुग़लक शिकार खेलते हुए उधर आ निकला। #फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ के #सेनापति सय्यद नसिर की नज़र पर पड़ी। यह करामात देखकर कुंवर करम सिंह को करामाती पुरुष मान कर उसने अपने साथ चलने की विनती करी ।”
सऊदी अरब से मौलिक संदेश
भारत ऐतिहासिक क्रांति की तरफ अग्रसर
विश्व में महान देशभक्त धर्मपरायण सम्राट जयचंद्र जी की राज्याभिषेक दिवस और महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू जन्म जयंती जून जुलाई माह में धुमधाम से मनाएंगे।
कुंवर यूनुस खान कायमखानी (अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक… pic.twitter.com/6j9FQAxwXY
— क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ (@kmm_bharat) June 21, 2023