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राज-दंड : राजशाही : हम अपने देश को दशकों पीछे ले जा रहे हैं : अपराधी मानसिकता के व्यक्ति ही दंड आधारित व्यवस्था में भरोसा करते हैं : रिपोर्ट

कोई भी देश, समाज कानून से चलता है, कानून के ज़रिये ही किसी देश को आगे बढ़ाया जा सकता है, सत्ता या राजा जनता की भलायी के लिए होते हैं वो अपना राज, दंड के माध्यम से अगर चलाते हैं तो ऐसा राज लोकतंत्र नहीं कह लाता, वो राजशाही होता है, केवल अपराधी मानसिकता के व्यक्ति ही दंड आधारित व्यवस्था में भरोसा करते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया.

अधिकतर विपक्षी दल इस समारोह में शामिल नहीं हुए. उनका तर्क है कि प्रधानमंत्री के बजाये देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु को संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बने इस नए संसद भवन ने ब्रितानी काल के संसद भवन की जगह ले ली है.

नये संसद भवन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ”आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है. देश आज़ादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. आज सुबह ही संसद भवन परिसर में सर्व पंथ प्रार्थना हुई है.”

”मैं सभी देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं. यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है.”

उन्होंने कहा, ”यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा. यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा.”

”यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि होते हुए देखेगा. नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं. आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है. नया जोश है, नई उमंग है, दिशा नई है, दृष्टि नई है.”

हालांकि नए संसद भवन के उद्घाटन के जश्न पर पहलवानों के प्रदर्शन का साया भी रहा और राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतज़ाम किए गए.

प्रदर्शनकारी पहलवानों और किसान संगठनों ने जंतर-मंतर से संसद भवन तक मार्च निकालना चाहा जिसे दिल्ली पुलिस ने रोक दिया. पुलिस ने ओलंपिक मेडल विजेता पहलवानों समेत प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और अलग-अलग थानों में पहुंचा दिया.

पहलवान विनेश फोगाट ने कहा, “जंतर मंतर पर सरेआम लोकतंत्र की हत्या हो रही है. एक तरफ़ लोकतंत्र के नए भवन का उद्घाटन किया है प्रधानमंत्री जी ने दूसरी तरफ़ हमारे लोगों की गिरफ़्तारियाँ चालू हैं.”

उद्घाटन समारोह में किसी तरह के खलल को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों की गिरफ़्तारियां शुरू कर दी थीं.

विनेश फोगाट ने कहा, “जितने भी बड़े-बड़े नेता थे, सबको डिटेन कर लिया गया है. कल रात से ही उनको डिटेन किया जा रहा है. और हमें भी यहां क़ैद कर लिया है जैसे हमें जेल में डाला हुआ हो. पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. आज नई संसद का उद्घाटन चल रहा है.”

विनेश फोगाट ने कहा, “देश याद रखेगा इस बात को, जब नई संसद का निर्माण हो रहा था, संविधानिक निर्माण की बात चल रही थी, उस समय देश की लड़कियों की जो न्याय की लड़ाई थी, उसको दबाने की पुरज़ोर कोशिश की गई थी, संविधान की हत्या की गई थी. एक ही देश में दो चीज़ें एक साथ हो रही थीं, और देश के इतिहास में ये बात बिल्कुल लिखी जाएगी.”

वहीं विपक्ष ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया और बिहार में कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेड ने अनशन भी किया.

अनशन की अगुआई कर रहे जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बीबीसी से कहा, “यह अनशन इस बात के लिए है कि कैसे देश की संसद की उद्घाटन के मौके पर दलित-आदिवासी महिला जो कि देश की राष्ट्रपति भी हैं उनको अपमानित किया.”

“आज देश का संविधान ख़तरे में है और ऐसे में हम देश के संविधान निर्माता के समक्ष धरना दे रहे हैं.”

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक की संज्ञा देते हुए कहा, “राज्याभिषेक पूरा हुआ – ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़!.”

राजद के इस ट्वीट पर विवाद भी हुआ.

केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने आरजेडी के इस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा, “पहला चित्र आपका भविष्य है और दूसरा भारत का. समझे?”

आरजेडी ने भी कई अन्य पार्टियों की तरह ही नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया. आरजेडी का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराना चाहिए था.

वहीं आरजेडी के इस ट्वीट के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा, “क्या राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य हमेशा के लिए संसद का बहिष्कार करेंगे. क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देंगे.”


शरद पवार ने उद्घाटन समारोह के दौरान हुए अनुष्ठानों पर चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा, “हम अपने देश को दशकों पीछे ले जा रहे हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री ने ऐसे समाज की कल्पना की थी जिसकी सोच वैज्ञानिक हो, लेकिन उद्घाटन समारोह के दौरान जो हुआ है वो ठीक उसके विपरीत था.”

नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान सर्व पंथ प्रार्थना सभा हुई. इस दौरान हवन भी किया गया और तमिल राजशाही में शासन के प्रतीक सेंगोल को स्थापित किया गया.

पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा, “मैंने सुबह समारोह देखा, मैं ख़ुश हूं कि मैं वहां नहीं गया. वहां जो कुछ हुआ है उसे देखकर मैं चिंतित हूं.”

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत कम से कम बीस राजनीतिक दल संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए. अधिकतर राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति के स्थान पर प्रधानमंत्री के उद्घाटन करने को लेकर विरोध किया है.

Rakesh Tikait
@RakeshTikaitBKU
पहलवान बेटियों को जबरन सड़क पर घसीटने वाली केंद्र सरकार संसदीय मर्यादाओं की दुहाई देकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है, लेकिन बेटियों की चीख आज हुक्मरानों को नहीं सुनाई दी। हमारी बेटियों को हिरासत से छोड़ने और न्याय मिलने तक किसान गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहेंगे।

RT_India

@RT_India_news
🇮🇳Wrestlers Protests: Ghazipur Border Sealed-Off as Rakesh Tikait Leads Farmers in Solidarity

The leader of the Indian Farmers’ Union (BKU) was heading to the national capital along with scores of fellow farmers in-support of the protesting wrestlers when they were stopped by Delhi Police.

“All others (farmers) have been stopped (by the police). We will sit here for now and decide what to do next”, Tikait said.

Wrestlers have been demanding the arrest of BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh who is accused of sexually harassing women grapplers – an allegation he denies.

Sadaf Afreen صدف
@s_afreen7
मध्य प्रदेश, उज्जैन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण 7 महीने पहले ही खुद अपने हाथों से किया था!

टोटल लागत 700 करोड़ से अधिक बताई जा रही है!

तेज़ हवा चलने के कारण 7 में से 6 मूर्तियां खण्डित हो गई या टूट गई!

अभी भी याद है मोदी जी ने इस कॉरिडोर के लिए CM शिवराज सिंह की तारीफों के पुल बांधे थे!

लेकिन यह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया!

Parmeshwari rishideo
@Parmeshwariris2
अच्छे संकेत नहीं,जो किया जाना है वह न करना पहले ही बुरे दौर से गुजर रहा है, जो किया जा रहा है वह भी नकारात्मक ही है,इतनी हड़बड़ी में किया जाता है- जैसे स्टंट- इंजीनियरिंग,अर्थतंत्र,भूगोल,भौतिक,रसायन, सामाजिक तंत्र इत्यादी के अपने कुछ नियम होते हैं जिसे बिल्कुल धता नहीं बता सकते!

Surya Pratap Singh IAS Rtd.
@suryapsingh_IAS

महाकाल ने भी अपना रोष प्रकट कर दिया।

राजाभिषेक होता रहा, बेटियां सड़क पर पिटती रही।

आने वाली अनहोनी का संदेश प्रकृति पहले ही दे देती है।
#Ujjain

Mamta Tripathi
@MamtaTripathi80
एक तरफ़ लोकतंत्र में धर्मदंड स्थापित हो रहा था, वहीं से थोड़ी दूर जंतर मंतर पर अलग ही नज़ारा था।
दिल्ली पुलिस और RAF ने शांति से धरने पर बैठे पहलवानों के तंबू उखाड़ फेंके। साक्षी मलिक को हिरासत में लिया और पूरे धरनास्थल से पंखा कूलर, गद्दा सब हटाकर छावनी में तब्दील कर दिया।

News24
@news24tvchannel
दिल्ली : प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बाद, जंतर-मंतर से धरना स्थल को पूरी तरह खाली कराया गया

◆ पुलिस ने पहलवानों के टेंट भी हटा दिए हैं