साहित्य

राम नाम की महिमा : देव राज बंसल के तीन भजन आप भी जपें!

Dev Raj Bansal

लेखक

Lives in Hyderabad

From Kasauli

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राम जी का भजन
राम किन्हें मिला करते उन भक्तों की क्या पहचान
क्या भाग्य में मेरे लिखा है मैं उनको सकता जान
अगर कोई त्रुटि है मुझ में प्रभु नहीं पा सकता हूं
दुर्भाग्य मेरा इतना बड़ा है नाम भी नहीं गा सकता हूं
जिह्वा जल जाए मेरी भला क्या है इसका काम
कभी इस योनि में कभी उसमें चौरासी भटक कर आया हूं
अनेकों बार जन्मा हूं मैं बार-बार जलाया हूं
बटका बटका करें योनियों में क्यों पाप है जिंदा राम
यदि नहीं तुम मुझको बतलाते मैं तुमको बतलाऊंगा
प्रभु बहुत संगदिल है जोर-जोर कर चिल्लाऊंगा
देव तुम ही क्रिया करना मेरी कराना अग्नि स्नान
देवराज बंसल
8800873570

Dev Raj Bansal
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माता वैष्णो का भजन
त्रिलोक मे घूमी माता ब्रह्मांड का चक्कर लगाया है
त्रिकूट पर्वत मन को भाया वही भवन बनाया है
दूर-दूर से चलकर मैया भगत तेरे यहां आते हैं
गाते आते भेटें तुम्हारी गाते हुए ही जाते हैं
चमक रही हैं उनकी आंखें काजल कैसा लगाया है
चढते हुए चढ़ाइयां सभी राम नाम ही गाते हैं
कली युग आ गया है घोर राम को यही बताते हैं
माता कब से निहार रही क्यों नहीं वचन निभाया है
महाकाली सरस्वती गौरी तीनों यहां विराजी हैं
तीनों हैं पिता हमारी तीनों हमारी मां जी हैं
बिन मांगे ही हमने तो यहां से सब कुछ पाया है
सकते नहीं चढ़ायाईयां चढ़ते सौ कोस भी चढ़ जाते
त्रिकूट यदि होता और भी ऊंचा तब भी उस पर जाते
देव तुम्हारी छवि ने माता हमको अती लुभाया है
देवराज बंसल
8800873570

Dev Raj Bansal
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राम नाम की महिमा
राम की महिमा राम ही जाने जाने हैं हनुमाना
रामजी पूछें हनुमान से है अब किस घर मुझको जाना
हनुमान जी पवन रूप बन मेरे घर आ जाओ
जैसी प्रभु को ले गए पर्वत पर उन्हें यहां ले आओ
तुलसी पर कृपा थी कीनी मुझ पर कृपा बरसाओ
उनके दर्श बिना तड़प रहा हूं उनको यह बतलाओ
अयोध्या नहीं हुआ जाना मेरा खड़ाऊं वहां से लाता
भारत ने जैसे बसाई हिरदय में मैं भी उन्हें बसाता
पागल बना दिया जगत ने मुझको है अति तड़पाया
देव आनंद अति आता मुझको जो तो पागल मुझे बनाता
देवराज बंसल
8800873570