राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ में बदलाव की बात कही जा रही है, विपक्ष के नेता इस को लेकर हमलावर हैं, मूल अशोक स्तंभ में मौजूद शेरों की मुद्रा को बदल दिया गया है, नए स्तंभ में इन शेरों को ज़यादा खूंखार दिखाया गया है
मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर लगे जिस राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया उसे जयपुर में बनाया गया है। इसे बनाने में पांच महीने का समय लगा और नए ससंद भवन की छत पर लगाने में दो महीने लगे। इसके निर्माण के पीछे जयपुर के लक्ष्मण व्यास, उनके बेटे गौतम व्यास और कारीगरों की एक मजबूत टीम की कड़ी मेहनत है।
अशोक स्तंभ का निर्माण जयपुर स्थित बिंदायका औद्योगिक क्षेत्र की लक्ष्मण व्यास की फैक्ट्री में हुआ है। अमर उजाला से बात करते हुए लक्ष्मण व्यास ने बताया कि नए संसद भवन का काम टाटा कंपनी को मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा थी कि राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का पूरा काम मेक इन इंडिया के तहत होना चाहिए। इसके बाद टाटा समूह के अधिकारियों ने ऐसे व्यक्ति की तलाश शुरू की जो इसे भारत में बना सके। उनकी यह तलाश जयपुर में मेरे पास आकर खत्म हुई।
लक्ष्मण व्यास ने इससे पहले महाराणा प्रताप, दिल्ली एयरपोर्ट पर स्थित हाथियों का निर्माण भी किया था। उनका काम देखने के बाद टाटा समूह ने इसे बनाने की जिम्मेदारी उन्हें दे दी। व्यास ने बताया कि इस अशोक स्तंभ को बनाने में पांच महीने लगे। इस दौरान उन्होंने और उनके बेटे गौतम और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने बताया कि इन अशोक स्तंभ को कॉपर से बनाया गया है। इसमें कभी जंग नहीं लग सकती। 9 हजार 620 किलो के अशोक स्तंभ को 150 टुकड़ों में बनाया गया है। इसकी लंबाई 6.5 मीटर है। इसके चारों ओर लगे स्टील के सपोर्टिंग स्ट्रक्चर का वजन 6500 किलो के करीब है।
लक्ष्मण व्यास ने बताया कि अशोक स्तंभ को संसद भवन की छत पर लगाने में दो महीने का समय लगा। दिल्ली के 50 डिग्री तापमान में छत पर काम करने के दौरान कई लोगों की तबीयत भी खराब हुई। मन में था कि देश के लिए काम कर रहे हैं, इसलिए इसे जल्द से जल्द और बेहतर से बेहतर तरीके से पूरा करना था।
लक्ष्मण व्यास ने बताया कि मेरा परिवार इस काम के लिए समर्पित है। बेटा गौतम मूर्ति कला में ही पढ़ाई कर रहा है। हमें गर्व है कि हमारे इस काम को सदियों तक याद रखा जाएगा। इधर, जयपुर सांसद राम चरण बोहरा ने भी लक्ष्मण व्यास और उनके बेटे की तारीफ की। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने कहा, यह जयपुर सहित पूरे राजस्थान के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी व्यास परिवार को बधाई दे चुके हैं। जब तक देश की सबसे बड़ी पंचायत रहेगी यह अशोक स्तंभ ताज बनकर पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ता रहेगा। हमने देश को उसकी धरोहर दी है। अशोक स्तंभ को लेकर उठे विवाद पर सांसद ने कहा इस गौरव के पल पर हमें विवाद नहीं प्रशंसा करनी चाहिए।
SUKALYAN SASMAL
@Iam_Sukalyan
Don’t know Does any one notice it or not face of the lion in “अशोक स्तंभ” is smiling or in happy mood in the left side but the face of lion in #CentralVista project is angry.
Please correct me if I am wrong.
#SatyamevJayate
Sumit Chauhan
@Sumitchauhaan
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Jul 11
महान बौद्ध विरासत का निशान अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है,
@narendramodi
जी, आपने इसकी स्थापना ब्राह्मण रीति से कराई। क्या इससे बौद्धों की भावनाएं आहत नहीं हुई? क्या बौद्धों की भावनाओं की कोई कीमत नहीं? ये विरासत को ब्राह्मणवादी तरीके से हड़पने की साज़िश है।
The News Beak
@TheNewsBeak
· Jul 11
नए संसद भवन में ब्राह्मण रीति से स्थापित हुआ अशोक स्तंभ, देखिए कैसे हड़पी जाती है बौद्ध विरासत ?
PM @narendramodi unveiled the National Emblem cast on the roof of the New Parliament Building today morning.
He also interacted with the Shramjeevis involved in the work of the new Parliament.
🌺 शिव की दीवानी 🌺#suchi #अशोक_स्तंभ #संसद_भवन pic.twitter.com/Z1r9LWo9mr
— 💚ॐ suchita_the_great ॐ💚 (@Great_Suchita) July 11, 2022