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राहुल गांधी ने कहा, एक कट्टरपंथी, फ़ासीवादी संगठन ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्ज़ा कर लिया है, फिर उठाया पेगासस का मुद्दा?

राहुल गांधी ने एक बार फिर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है। लंदन स्थित थिंक टैंक चैथम हाउस में उन्होंने कहा कि भारत में डेमोक्रेटिक कॉम्पटिशन का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। इसका कारण RSS नामक एक संगठन है। यह एक कट्टरपंथी और फासीवादी संगठन है, जिसने भारत की लगभग सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है। बीजेपी पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा सत्ता में नहीं रहेगा। देश में लोकतांत्रित व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है।

मुस्लिम ब्रदरहुड से की आरएसएस की तुलना
राहुल गांधी ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए उसकी तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस मुस्लिम ब्रदरहुड की तर्ज पर बना है। राहुल गांधी ने कहा कि देश में एक नैरेटिव चल रहा है कि ‘कोई भी भाजपा को हरा नहीं सकता’। उन्होंने कहा कि लोगों को यह भी समझना चाहिए कि बीजेपी हमेशा सत्ता में नहीं रहने वाली है। राहुल गांधी ने कहा कि “अगर आप आजादी से लेकर अब तक के समय को देखते हैं, तो कांग्रेस पार्टी ज्यादातर समय सत्ता में रही है. भाजपा के 10 साल सत्ता में रहने से पहले, हम 10 साल सत्ता में थे।

राहुल गांधी ने कहा कि एक कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह बात मुझे अंदर से झकझोर देती है कि कैसे देश के विभिन्न संस्थानों कब्जा कर लिया गया। प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी खतरे में हैं और किसी न किसी तरह से नियंत्रित हैं।

2014 में कहां चूकी यूपीए?
राहुल गांधी ने बताया कि देश में कुछ बड़े बदलाव हुए हैं। कांग्रेस और यूपीए एक बात को लेकर हैरान थी कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से बदलाव हुए। राहुल गांधी ने कहा कि हमारा ध्यान ग्रामीण इलाकों पर था हम शुरुआत में शहरी क्षेत्र में चूक गए, यह एक तथ्य है। इसे नकारा नहीं जा सकता है।

फिर उठाया पेगासस का मुद्दा
राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए एक बार फिर पेगासस का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आप किसी भी विपक्षी नेता से पूछ सकते हैं कि एजेंसियों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। मेरे फोन में पेगासस था लेकिन ऐसा तब नहीं था जब कांग्रेस सत्ता में थी। उन्होने यह भी कहा कि आप देख सकते हैं कि भारत में दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के साथ क्या किया जा रहा है।