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रूसी विदेश मंत्री के दावे ने सबको किया हैरान : पश्चिम से पैसा और हथियार हासिल करने के लिए यूक्रेन कुछ भी कर सकता है : रिपोर्ट

हथियार और पैसों के लिए यूक्रेन सबकुछ करने को तैयारः रूस

रूस का कहना है कि पश्चिम से पैसा और हथियार हासिल करने के लिए यूक्रेन कुछ भी कर सकता है।

रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन, किसी भी स्थति में विश्व में शांति और खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाना नहीं चाहता।

मारिया ज़ाख़ारोवा ने शनिवार की रात कहा कि पश्चिमी देशों और उनके घटकों से धन और हथियार प्राप्त करने के लिए यूक्रेन हर काम करने पर उतर आया है। यूक्रेन युद्ध को आरंभ हुए अब आठ महीनों का समय हो रहा है। इस युद्ध के कूटनीतिक, सैनिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दुष्परिणाम पूरी दुनिया के सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद पश्चिम अब भी यूक्रेन को हथियार भेज रहा है।

अमरकी के नेतृत्व में पश्चिमी देश रूस के विरुद्ध प्रतिबंध लगाकर यूक्रेन को हथियारों से लैस कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त यह देख, यूक्रेन की आर्थिक सहायता भी कर रहे हैं। उनके यह काम बताते हैं कि वे किसी भी स्थति में युद्ध को रुकवाना नहीं चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में रूस कई बार कह चुका है कि कीएव के लिए हथियारों का भेजा जाना न केवल यह कि युद्ध के बढ़ने का कारण बना हुआ है बल्कि इसके दुष्परिणाम एसे होंगे जिनकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।

यूक्रेन युद्ध के बीच आई बड़ी ख़बर, रूसी विदेश मंत्री के दावे ने सबको किया हैरान!

रूस के विदेश मंत्रालय के हवाले से ऐसी ख़बरें सामने आ रही हैं कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन के मुद्दे पर पश्चिमी देशों के साथ वार्ता करने के लिए तैयार हो गए हैं।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने अपने एक ताज़ा बयान में कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्वादिमीर पुतीन यूक्रेन मुद्दे पर पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘हम तनाव कम करने के लिए पश्चिम के साथ चर्चा के लिए तैयार हैं। लावरोफ़ ने कहा कि विशेष रूप से, राष्ट्रपति पुतीन अभी भी यूक्रेन मुद्दे पर बातचीत में शामिल होने के इच्छुक हैं। रूस के विदेश मंत्री ने अपने बयान में यह भी दावा किया है कि यह प्रस्ताव नया नहीं है। सर्गेई लावरोफ़ ने यह भी कहा कि अगर वार्ता अच्छे वातावरण में समानता और वास्तविकता पर आधारित हो तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। रूस के विदेश मंत्री ने दावा किया, ‘राष्ट्रपति पुतीन पिछले आठ महीनों में कई बार कह चुके हैं कि रूस ने बातचीत के दरवाज़े बंद नहीं किए हैं, लेकिन पश्चिम के सीधे इशारे पर यूक्रेन वार्ता से बाहर हो गया।

बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने इसी साल 24 फरवरी को यूक्रेन के ख़िलाफ़ एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इस सैन्य ऑपरेशन को “पुतीन द्वारा ज़मीन हड़पने” का नाम दिया था। जिसके बाद अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए। इस बीच, रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन मास्को की मांगों को स्वीकार कर लेता है तो सैन्य अभियान रुक जाएगा। इन मांगों में जो एक मांग सबसे महत्वपूर्ण है वह यह है कि यूक्रेन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह कभी भी नाटो में शामिल नहीं होगा।