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रूस के इलाक़ों पर यूक्रेन ने किये ड्रोन हमले

रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कर्च स्ट्रेट और कोरेस्क इलाक़े पर यूक्रेन ने ड्रोन हमले किए हैं। नोवोरसीएस्क समुद्री इलाक़े के बचाव कार्य समन्वय केन्द्र ने शनिवार की सुबह बताया कि कर्च स्ट्रेट में रूस के एक तेल टैंकर पर यूक्रेन ने ड्रोन हमला कर दिया जिससे टैंकर के ईंजन को नुक़सान पहुंचा है।

टैंकर पर रूस का ध्वज था। हमले में स्टाफ़ के लोगों को कोई नुक़सान नहीं पहुंचा है। बुधवार को भी रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि कर्च स्ट्रेट में हर प्रकार की आवाजाही और सारी गतिविधियों को सीमित कर दिया गया है।

रूस ने यूक्रेन का अनाज अन्य देशों को निर्यात करने के समझौते से निकलने एलान के बाद कहा था कि काला सागर के पश्चिमोत्तरी और दक्षिण पूर्वी इलाक़ों को असुरक्षित घोषित किया जाता है और यूक्रेन की बंदरगाह की ओर जाने वाले जहाज़ों को यूक्रेन का समर्थक माना जाएगा।

इस बीच रील्स्क शहर के गवर्नर ने बताया कि यूक्रेन ने रूस के कोरेस्क इलाक़े पर ड्रोन विमान से हमला किया है मगर इससे कोई जानी नुक़सान नहीं हुआ है। उनका कहना था कि इस हमले में एक गिरजाघर और दो सरकारी इमारतों को निशाना बनाया गया।

रूस ने यह भी कहा है कि गुरुवार को यूक्रेन की सेना ने दो ड्रोन नौकाओं के माध्यम से रूस की एक समुद्री छावनी पर हमला किया था मगर इस हमले को रूसी डिस्ट्रायर ने नाकाम बना दिया। इसके बाद शुक्रवार को रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि गत जून महीने में यूक्रेन ने जो हमला शुरू किया उसमें अब तक यूक्रेन के 43 हज़ार सैनिक मारे जा चुके हैं। मंत्रालय का कहना था कि इसके अलावा बड़ी संख्या में सैनिक घायल हुए हैं जिनमें बहुत से सैनिकों को इलाज के लिए विदेश भेजा गया है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि रूसी सेनाएं यूक्रेन की सेना के हथियारों को भी निशाना बना रही हैं ताकि यूक्रेन हमले करने में सक्षम न रहे।

इसके साथ ही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने इंटरनैश्नल अफ़ेयर्ज़ को साक्षात्कार देते हुए कहा कि हम यूक्रेन में शांति की स्थापना के लिए की जाने वाली कोशिशों को स्वागत करते हैं। उन्होंने इसके लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की की शांति योजना को ख़ारिज करते हुए चेतावनी दी कि इससे यूक्रेन में बसने वाले करोड़ों रूसी मूल के लोगों का जीवन ख़तरे में पड़ जाएगा क्योंकि कीएफ़ ने ख़ुलकर उनके दमन की धमकी दी है।

इस बीच यूरोपीय संसद के सदसय मैक वालास ने सीएनएन के सर्वे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमरीका ने यूरोप और नैटो के साथ मिलकर नेटो की बर्बादी के लिए बहुत कोशिशें की हैं। सर्वे में 51 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि अमरीका ने यूक्रेन की मदद के लिए काफ़ी कुछ कर दिया है। सर्वे में भाग लेने वालों में दो तिहाई लोगों का कहना था कि यह जंग दूसरे इलाक़ों में फैल सकती है। वालास इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि युक्रेन की जंग को रषोक देना चाहिए क्योंकि इससे केवल पश्चिमी देशों को फ़ायदा हो रहा है।