नई दिल्ली: अब से कुछ दिन पहले आए एक सैटेलाइट चित्र में दिखाया गया कि म्यांमार के सभी इलाकों से रोहिंग्या बस्तियों का नामोनिशां मिटा दिया गया है। लेकिन अब कुछ नई सैटेलाइट तस्वीरें जारी हुई हैं। जिनमें दिखाया गया है कि रोहिंग्याओं की बस्तियों को खत्म करने के बाद म्यांमार वहां पर अपने सैन्य अड्डे बना रहा है। पिछले महीनों में रोहिंग्याओं के साथ संघर्ष में इस समुदाय के कई गांवों को जला दिया गया था।
The village of Ah Htet Nan Yar in #Myanmar was burned to the ground during the violence in 2017. By January 2018, a new road has been built directly on land where #Rohingya homes had stood [see satellite images.] ➝ https://t.co/z7T56m3O2Q pic.twitter.com/3L1ir3sGuj
— Amnesty International (@amnesty) March 12, 2018
एमनेस्टी इंटरनैशनल ने सोमवार को इन जमींदोज बस्तियों में सैन्य अड्डे बनाए जाने की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। इनमें दिखाया गया है कि जले हुए गांवों की जगह अब नए सैन्य अड्डों ने ले ली है। एमनेस्टी की क्राइसिस रिस्पांस डायरेक्टर तिराना हसन ने कहा कि रखाइन प्रांत का पुनर्निर्माण बेहद गोपनीय तरीके से किया जा रहा है।
Myanmar builds military bases on the site of #Rohingya homes and mosques – report | World news https://t.co/6kxZxNSjzB
— Grahame Lucas (@GrahameLucas) March 12, 2018
उन्होंने कहा कि प्रशासन को विकास के नाम पर नस्ली सफाये के इस अभियान को आगे नहीं बढ़ाने देना चाहिए। टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एमनेस्टी की नई तस्वीरों के अध्ययन से यह साबित होता है कि रखाइन के आखिरी तीन सैन्य अड्डे जनवरी से अब तक बने हैं, जबकि अभी भी कई निर्माणाधीन हैं। हसन ने आगे बताया, हमने देखा है कि सेना द्वारा नाटकीय पैमाने पर जमीन कब्जे में ली गई है। साथ ही उन्हीं सुरक्षाबलों के लिए नए अड्डे बनाए जा रहे हैं जिन्होंने रोहिंग्याओं पर मानवता के खिलाफ जाकर जुल्म ढाए हैं।
Myanmar is building security installations on top of razed #Rohingya villages. https://t.co/RHgBRtjNGX New @amnesty report pic.twitter.com/lSxAV3Eb3Q
— Jim Murphy (@jimmurphySF) March 12, 2018
रोहिंग्याओं के खिलाफ म्यांमार सेना के अभियान को संयुक्त राष्ट्र ने भी नस्ली सफाया करार दिया था। भारी संख्या में तैनात हैं सेना के जवान एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा जारी तस्वीरों में यह भी दिख रहा है कि शरणार्थी स्वागत केंद्रों के बाहर सेना ने बाड़ लगा दी है और भारी संख्या में सैनिक तैनात हैं। बता दें कि बीते साल अगस्त में रखाइन प्रांत में हिंसा शुरू होने के बाद अब तक सात लाख रोहिंग्या म्यांमार छोड़कर जा चुके हैं। इसी साल म्यांमार और बांग्लादेश सरकार में रोहिंग्याओं को वापस भेजने को लेकर सहमति बनी थी।