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लावारिस कुत्तों की समस्या का समाधान निकालने के लिए बुलाई गई बैठक में नेता ”गुत्थम-गुत्था” हो गये, महिलाओं ने एक-दूसरे को थप्पड़ जेड: रिपोर्ट

राजधानी में लावारिस कुत्तों की समस्या का समाधान निकालने के लिए कांस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की तरफ से बुलाई गई बैठक में बुधवार शाम जमकर घमासान हुआ। आयोजन स्थल पर पशु प्रेमियों के एक समूह की महिला ने माइक छीनकर बोलने की कोशिश की। इसका विरोध करने पर दोनों तरफ से कहासुनी शुरू हो गई। देखते-देखते दोनों गुट एक दूसरे से गुत्थम-गुत्था हो गए। इसी बीच समस्या के समाधान के लिए तैयार मसौदे को भी एक शख्स ने फाड़ दिया। हालात इस कदर बेकाबू हुए कि दोनों तरफ की दो महिलाओं ने एक-दूसरे को थप्पड़ भी जड़ दिए। हंगामा बढ़ने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बीचबचाव कर लोगों को शांत किया।

विजय गोयल ने लोक अभियान संस्था की तरफ से आरडब्ल्यूए की बैठक बुलाई थी। इसमें दिल्ली-एनसीआर समेत बंगलूरू, मुंबई व देश के दूसरे हिस्सों से प्रतिनिधि हिस्सा लेने पहुंचे थे। बैठक में लावारिस कुत्तों के लगातार काटने की समस्या पर सार्थक बहस होनी थी। इसके बाद एक मसौदा तैयार करना था कि नगर निगम समेत अन्य पशु प्रेमी संस्थाओं को अवगत कराया जा सके कि कुत्तों के आतंक से बच्चे और बुजुर्ग पार्क में जाने से कतरा रहे हैं।

कई ऐसे वायरल वीडियो भी दिखाए गए जिसमें कुत्ते बच्चों पर हमला कर रहे हैं। समस्या पर टीम चर्चा करने लगी तो क्लब के दूसरे हॉल में पशु प्रेमियों का भी जमावड़ा था। सूचना पाकर इसमें से कुछ लोग समाधान मंच की तरफ बढ़ गए। मौके पर पहुंचकर कुछ पशु प्रेमी मंच पर चढ़ गए और विजय गोयल से माइक छीनने लगे। पशु प्रेमियों का कहना था कि इस तरह की चर्चा उचित नहीं है। धीरे-धीरे हंगामा बढ़ता गया। इसी बीच एक शख्स ने तैश में आकर समाधान मसौदे को फाड़कर फेंक दिया। बीचबचाव करने पहुंची महिलाओं से दूसरे गुट की महिलाएं उलझ गईं। दोनों तरफ की महिलाओं ने एक-दूसरे को थप्पड़ मार दिए। इसके बाद पूरे हॉल में जमकर हंगामा शुरू हो गया। पुलिस के आने के बाद ही मामला शांत हुआ और कुत्तों के काटने की घटना पर चर्चा हो सकी।

पुलिस बोली कोई शिकायत नहीं, मामला हुआ शांत
डीसीपी, नई दिल्ली प्रणव तायल का कहना है कि पुलिस को काेई शिकायत नहीं मिली है। बैठक में मामूली झगड़ा हुआ था। इसे शांत करवा दिया गया है। अगर कोई पक्ष मामले की शिकायत करता है तो जांच होगी।

विजय गोयल बोले- जानबूझकर किया गया झगड़ा
विजय गोयल ने बताया कि उन्होंने स्पीकर हॉल बुक करवाया था। बाद में उन्हें यह जानकारी मिली कि सांसद मेनका गांधी ने भी उसी समय पर बगल का डिप्टी स्पीकर हॉल बुक करवा दिया। उनका आरोप है कि इससे इस बात की आशंका हो गई कि लोग हमारी बैठक में हंगामा कर सकते हैं। ऐसा हुआ भी। गोयल ने आरोप लगाया कि वह लोग अवैधानिक तरीके से बैठक में आए और हंगामा किया। एक महिला ने मंच पर चढ़कर माइक पर उल्टा-सीधा बोला। वहां जितने भी लोग थे, उन सभी को बोलने का अवसर दिया गया, जिनमें जेएनयू और डीयू की प्रोफेसर एवं एनजीओ व आरडब्ल्यूए की महिला प्रतिनिधि भी थीं।

पशु प्रेमी बोले- कुत्तों को भी इंसानों की तरह है हक
मौके पर मौजूद पशु प्रमियों की शिकायत थी कि कुत्तों के समाधान के लिए विजय गोयल की तरफ से बुलाई गई बैठक एकतरफा है। इससे कोई ठोस नीति नहीं बन पाएगी। उनका आरोप था कि इस गोष्ठी में केवल कुत्तों से घृणा करने वालों को शामिल किया गया। पशु प्रेमियों को पूरी तरह से अनदेखा किया गया है। पशु प्रेमी अमीता सिंह ने बताया कि एमसीडी को अपना कार्य ठोस रूप से करना चाहिए। कानून तो बहुत बने हैं, लेकिन लागू कोई भी होता नहीं दिखाई देता। उनकी देख-रेख के लिए संसाधनों की कमी है। आवाज उठाई जाए। पशु चिकित्सकों की देशभर में भारी कमी है, पशु वाहन नहीं हैं। ऐसे में उन चीजों की बात न करने से इसका समाधान नहीं निकल सकता। पशु प्रेमी मालातुली ने कहा कि यहां जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें कुत्तों को खौफनाक रूप से दिखाया गया है। ऐसे में लोगों में कुत्तों को लेकर खुलेआम खौफ पैदा किया जा रहा है। खुद को 17 वर्षों से स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाने वाली बताते हुए उनका कहना था कि कभी किसी प्रशासनिक अधिकारी ने सहायता नहीं की। जब इनके पक्ष में आवाज उठाई गई तो मारपीट हुई।

बैठक में बोले प्रतिनिधि
बैठक में जेएनयू में प्रोफेसर अनीता सिंह ने कहा कि वार्ड काउंसलर, विधायक, एमसीडी और आरडब्ल्यूए के अधिकारियों को सहयोग से काम करना चाहिए और नागरिकों को लावारिस कुत्तों की समस्या और समाधान के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। मुंबई से आई विनीता श्रीनंदन ने पशुओं पर बनाए गए कई नियमों को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया। दिल्ली की पूर्व चीफ सेक्रेटरी शैलजा चंद्रा ने पशु कल्याण बोर्ड के अस्तित्व पर सवाल उठाया और कहा कि यह स्वास्थ्य मंत्रालय और शहरी मामलों की जिम्मेदारी है जिसके तहत एमसीडी इस मुद्दे को उठाती है।

आरडब्ल्यूए इकट्ठा होकर चलाए मुहिम
यूनाईटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली के महासचिव सौरभ गांधी ने कहा है कि आरडब्ल्यूए जानवरों के खिलाफ नहीं है, लेकिन इंसानों को हानि पहुंचने का समर्थन भी नहीं करते। अगर किसी विभाग या सरकार की कोई खामी है तो उसे ठीक करने को बोलना हर नागरिक का अधिकार है। एमसीडी अधिकतर कुत्तों की नसबंदी एनजीओ से करवाती है। उनका आरोप है कि एनजीओ अपने काम में जानबूझकर दिलचस्पी नहीं दिखाते। अब समय आ गया है कि दिल्ली की आरडब्ल्यूए इकट्ठा होकर इस सबके लिए मांग करें और इसे एक मुहिम बनाए तभी कामयाबी मिलेगी।