लैंगिक बराबरी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए फ्रांस के एक शहर ने एक साल के लिए जनाना नाम अपना लिया है. इस कदम पर बहस छिड़ गई है कि क्या ये सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट है या एक सराहनीय कदम.
पेरिस के करीब स्थित शहर ‘पौंतां’ के महापौर बर्ट्रांड कर्न ने घोषणा की है कि लैंगिक बराबरी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस साल के लिए उनके शहर के नाम में एक ‘ई’ जोड़ कर उसे जनाना नाम दिया जाएगा.
फ्रेंच भाषा में अक्सर संज्ञा के अंत में ‘ई’ लगा कर उसे स्त्रीलिंग रूप दिया जा सकता है. महापौर कर्न ने कहा कि ऐसा करने का उद्देश्य है “महिलाओं और पुरुषों के बीच बराबरी” को और “महिलाओं के खिलाफ हिंसा” को खत्म करने के संघर्ष को रेखांकित करना.
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह कदम “महिलाओं और पुरुषों के बीच बराबरी के लिए लोगों को जगाएगा क्योंकि हाल के सालों में आए कई सुधारों के बावजूद अभी भी स्थिति आदर्श नहीं हुई है.”
मजाक या स्वागत योग्य?
कर्न ने बताया कि महिलाओं को अभी भी “पुरुषों जितना वेतन नहीं मिलता है” और सार्वजनिक स्तर पर महिलाओं के स्थान को “पुरुष हमेशा अच्छे से स्वीकार नहीं करते हैं.” हालांकि यह कदम मुख्य रूप से प्रतीकात्मक लग रहा है.
[BONNE ANNÉE 2023 !!!]
Bertrand Kern et toute l'équipe municipale vous souhaitent une très belle année 2023, engagée pour l'égalité ! pic.twitter.com/1vhSZdFYxt— Ville de Pantin (@VilledePantin) December 31, 2022