धर्मेन्द्र सोनी
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कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा राजस्थान रिपोर्टर धर्मेन्द्र सोनी की क़लम से,
वसुनी गांव में जन्मे आदिवासी के कांती भाई कटारा ने की मंजिल हासील, मेवाड़ वागड़ मालवा जनजाति विकास संस्थान उदयपुर में 10वा आंचल स्तरीय जनजाति प्रतिमा समारोह में आदिकवि भगवान वाल्मीकि से नवाजे गए डाक्टर कांती भाई कटारा वसुनी,,,कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं होता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो, लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, जी हां एक ऐसे व्यक्ति की खबर से आज हम रुबरु करवा रहें हैं जो राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उप खंड क्षेत्र में मध्यप्रदेश की सिमा से सटे वसुनी गांव में रहने वाले जनजाति आदिवासी परिवार में जन्मे कांती भाई कटारा ने जो तालिम हासिल की वो तारीफें काबील हे जनजाति परिवार में जन्मे कांती भाई को बचपन से ही पढ़ने लिखने का जुनून सवार था कांती भाई ने जी तोड मैहनत कर उच्च शिक्षा की तालीम हासिल की कांति भाई शिक्षा की सिंडी दर सिंडी चढ़ते हुए उनकी इच्छा शक्ति और पढ़ाई लिखाई में उनके माता पिता परिजनों व गुरु जनों ने कांती भाई को मुकाम तक पहुंचने में दिन रात मेहनत मजदूरीकर कर कांती भाई को पढ़ाया लिखाया कांती भाई ने उच्चतम शिक्षा पाकर एक नया किर्तिमान स्थापित किया छोटे से गांव के इस गुदड़ी के लाल को श्री मेवाड़ वागड़ मालवा जनजाति विकास संस्थान उदयपुर द्वारा 10अंचल स्तरीय जनजाति प्रतिमा सम्मान एवं सर्व समाज शिक्षक गौरव समारोह वर्ष 2022का आदिवासी भगवान रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि रिषी पुरुस्कार से कांती भाई कटारा को पीएचडी की उपाधि से नवाजा गया, उन्होंने अपना शोध विषय आदिवासियों में राजनीतिक एवं सामाजिक चेतना के विकास में सध्देय मामा बालेश्वर दयालु के योगदान पर एक एतिहासिक अध्ययन डाक्टर प्रमिला सिंघवी के के निर्देशन में यह कार्य पुर्ण कर एक नया मुकाम पाया जाने हमारी खास रिपोर्ट