साहित्य

वह अपना सामान लेकर अंदर आ गयी फिर

Pratilipi Hindi
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कामना ने एक छोटे किंतु खूबसूरत घर का दरवाजा खटखटाया, एक औरत खोलते हुए बोली, “जी, कहिये!”” क्या मैं एक पेइंग गेस्ट के तौर पर रह सकती हूँ?” ” अकेली हो!” औरत ने पूछा।” हाँ पढ़ने आयी हूँ, कॉलेज यहां से पास पड़ेगा इसलिए!”औरत उसे ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोली, ” घर तो देख ही रही हो ज्यादा बड़ा नही है, ऊपर के फ्लोर पर एक लड़का रहता है, काफी बड़ा रूम है पर वो किसी के साथ एडजस्ट करने को तैयार नही होता, पूछकर देखती हूँ, अगर रह लोगी तो बोलो, बाद में पार्टीशन करा देंगे।”” मंजूर है। कामना ने कहा।वह औरत गयी, थोड़ी देर बाद वह नीचे आयी तो साथ मे एक साँवला लड़का था , स्मार्ट था और देखने से भी शरीफ घर का लग रहा था।लड़के ने एक नजर उसकी तरफ देखा फिर ऊपर चला गया।”आ जाओ!” उस औरत ने लड़के के जाने के बाद कहा।”थैंक्स!” कामना ने कहा।वह अपना सामान लेकर अंदर आ गयी फिर ऊपर जाकर कमरे का मुआयना करके आयी फिर एक एक करके अपना सारा सामान ऊपर ले गयी।कामना उन्नीस साल की थी, वह एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती थी, माता पिता की वह इकलौती संतान थी। पढ़ने में अच्छी थी, ग्रेजुएशन करने के लिए वह घर से दूर आयी थी और पीजी की तलाश में थी लेकिन हर जगह उसे कुछ न कुछ इशू नजर आ जाता और वह आखिर में यहां पहुंची थी, जीने से चढ़कर एंट्री करने के लिए एक ही दरवाजा था, फिर हॉल, फिर काफी बड़ा कमरा था, कमरे में बाहर जाने के दो दरवाजे थे।लड़के का सारा सामान करीने से लगा हुआ था, कामना ने भी अपना सारा सामान एक तरफ रख दिया। लड़का चुपचाप किताब में आँखे गड़ाए बैठा था। कामना को वह काफी घमंडी सा लगा, उसने सामान रखवाने में कोई मदद नही की।कमरे में तीन बेड थे, दो को उस लड़के ने आपस मे मिलाकर डबलबेड बना लिया था।

कामना खाली तथा अलग पड़े बैड पर बैठ गयी। उसने अपने कपड़े निकालकर दीवार में बनी अलमारी में रख दिये और फिर एक कपड़ा निकालकर बाथरूम में चली गयी, नहा धोकर बाहर आई तो कुछ ताजगी महसूस हुई।” यहाँ आराम से रहना है, आपके कारण मुझे कोई परेशानी नही होनी चाहिए, इस बात का ध्यान रखना और मेरी किसी चीज को भूल से भी मत छेड़ना!” उस लड़के ने कहा।” ठीक है!”कामना ने संछिप्त सा जवाब दिया।सन्डे का दिन था कामना सुबह से रूम ढूंढ रही थी, वह अब थक चुकी थी और नींद उससे रोकी नही जा रही थी, उसने एक नजर फिर लड़के की तरफ देखा, वह अब भी किताब में किसी कीड़े की तरह घुसा हुआ था।कामना उठी और रूम के बीचों बीच कील ठोकने लगी तो लड़के ने नजर उठाई और बोला, “क्या खटर पटर शुरू कर दी आते ही?””पार्टीशन तो जाने कब होगा? तब तक मै बीच मे पर्दा लगा रही हूँ, आपको कोई परेशानी है?” कामना ने भी उसकी तरफ देखते हुए पूछा।लड़के ने इनकार में सिर हिला दिया और फिर किताब में डूब गया तो कामना ने डोर बांधकर उस पर दो डबल बेडशीट डाल दी, अब दोनो एक दूसरे को नही देख सकते थे तो कामना अपने बेड पर आराम से लेट गयी।उसे लेटते ही नींद आ गयी, शाम हो गयी पर वह नही उठी। लड़का बाहर से खाकर आ गया और अपनी तरफ का ताला खोला तो कोई सुगबुगाहट नही थी, शायद कामना अभी तक सो रही थी।”कितना सो रही है ?