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विजय माल्या ने मोदी सरकार के बारे में किया बड़ा खुलासा- देखिए ऐसा क्या कहा जिससे वित्त मंत्री की बढ़ी परेशानी ?

नई दिल्ली: अरबों रुपयों की चपत लगाकर चंपत होने वाले भगोड़े विजय माल्या ने ऐसा खुलासा किया है जिससे मोदी सरकार की परेशानी में बढ़ोतरी होना तय माना जारहा है,माल्या ने ये बात कहकर विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया है जिसको लेकर सरकार की खिंचाई होगी।

विजय माल्या ने लंदन की एक अदलात में पेश होकर दावा किया है कि उन्होंने भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था। माल्या के इस दावे के बाद भारत में राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है। माल्या से अपनी इस मुलाकात के दावे पर अरुण जेटली ने कहा कि भगोड़े कारोबारी ने जिस तरीके की मुलाकात का जिक्र किया है, वह पूरी तरह से झूठ है। वित्त मंत्री ने कहा कि माल्या के साथ उनकी किसी तरह की औपचारिक बैठक नहीं हुई थी।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्ससभा का सदस्य रहते हुए माल्या ने अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि एक बार जब वह संसद में अपने कमरे की तरफ जा रहे थे तो उस दौरान वह उनके पास आया और अपने ऊपर बैंकों के कर्ज के बारे में जिक्र किया।

वहीं, कांग्रेस ने माल्या के साथ जेटली की कथित मुलाकात पर सरकार से विस्तृत ‘स्पष्टीकरण’ और जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस पूरे मामले में मूल प्रश्न का उत्तर नहीं मिल रहा है। सिंघवी ने सवाल उठाया कि यह बात सरकार और बैंकों को पता था कि माल्या पर हजारों करोड़ रुपए का कर्ज है, उसे देश से बाहर कैसे जाने दिया गया।

गत दो मार्च 2016 को देश से फरार हुए माल्या ने कहा कि उसे राजनीति का शिकार बनाया गया है। शराब कारोबारी ने कहा कि उसने कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने समझौते की पेशकश की है।

इससे पहले माल्या के वकील ने दावा किया कि कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइन को हुए नुकसान के बारे में आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों को जानकारी थी। माल्या के वकील ने वेस्टमिंस्टर कोर्ट को बताया, ‘किंगफिशर के नुकसान के बारे में आईडीबीआई बैंक के अधिकारी अच्छी तरह से जानते थे।’

वकील ने कहा, ‘सरकार का यह आरोप कि माल्या ने अपने नुकसान को छिपाया, यह आधारहीन है। यह बात आईडीबीआई अधिकारियों की ओर से भेजे गए ई-मेल्स से स्पष्ट हो जाती है।’

वहीं, कोर्ट में पेशी के लिए जाते माल्या ने कहा कि वह कर्ज समझौते के लिए तैयार है। यह पूछे जाने पर कि क्या उसकी इस पेशकश पर कोर्ट तैयार है। इस पर माल्या ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से, इसीलिए समझौते की पेशकश की गई है। इस पर मामले की सुनवाई 18 सितंबर को होगी।’

बता दें कि किंगफिशर एयरलाइन के 62 वर्षीय प्रमुख पिछले साल अप्रैल में जारी प्रत्यर्पण वारंट के बाद से जमानत पर है। उसपर भारत में करीब 9000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप हैं।

इससे पहले जुलाई में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की न्यायाधीश एमा अर्बुथनाट ने कहा था कि उनके ‘संदेहों को दूर करने के लिए’भारतीय अधिकारी आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का ‘सिलसिलेवार वीडियो’जमा करने को कहा था।

भारत सरकार की तरफ से क्राउन प्रासिक्यूसन सर्विस (सीपीएस) ने जिरह की थी और वीडियो अदालत के लिए रजामंदी जताई थी। वीडियो अदालत में जमा कर दिया गया है। माल्या का बचाव करने वाले दल ने जेल के निरीक्षण की मांग की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया को ब्रिटेन के मानवाधिकार संबंधी वादे को पूरा करता है।