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विदेश मंत्री एस जयशंकर से शशि थरूर ने कहा-इतनी ‘पतली चमड़ी’ का होना हमारे लिए ठीक नहीं है!

कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर ने सोमवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से आग्रह किया उन्हें थोड़ा कूल रहना चाहिए.

जयशंकर ने अभी पश्चिम की आलोचना करते हुए कहा था कि दूसरे देशों के मामले में पश्चिम को टिप्पणी करने की ख़राब आदत है.

शशि थरूर ने कहा कि इतनी ‘पतली चमड़ी’ का होना हमारे लिए ठीक नहीं है. शशि थरूर ने सरकार को सलाह दी कि धैर्य के साथ चीज़ों को हैंडल करने की ज़रूरत है.

शशि थरूर ने कहा, ”मैं जयशंकर को लंबे समय से जानता हूँ और उन्हें दोस्त की तरह देखता हूँ. लेकिन इस मामले में मुझे लगता है कि उन्हें इतनी पतली चमड़ी नहीं रखनी चाहिए. मुझे लगता है कि सरकार के लिए यह ज़रूरी होता है कि वह चीज़ों को धैर्य और शांति से देखे. अगर हम हर चीज़ पर प्रतिक्रिया देने लगेंगे तो ख़ुद का ही नुक़सान कर बैठेंगे.”

शशि थरूर ने यह बात सोमवार को संसद परिसर में समाचार एजेंसी एएनआई से कही है. थरूर ने कहा, ”मैं अपने अच्छे दोस्त जयशंकर से आग्रह करता हूँ कि थोड़ा कूल रहें.”

केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि आप पार्क में नौजवानों से ऐसी बातें करते हैं तो यह दूसरी बात है लेकिन आपकी यह बात पूरी दुनिया में जाती है तो इसका असर कुछ और होता है.”

रविवार को एस जयशंकर ने कहा था कि पश्चिम की ख़राब आदत लंबे समय से है कि वे दूसरे देशों पर टिप्पणी करते हैं और उन्हें लगता है कि दूसरों के आतंरिक मामलों पर टिप्पणी करना ईश्वर का दिया अधिकार है.

जयशंकर रविवार को बेंगलुरु में 500 युवाओं से एक पार्क में बात कर रहे थे, उसी दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही थी.

एस जयशंकर की पहचान एक तेज़-तर्रार डिप्लोमैट की रही है. नरेंद्र मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री चुने गए तो एस जयशंकर अमेरिका में भारत के राजदूत थे. नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल में सुषमा स्वराज को विदेश मंत्री बनाया था. मनमोहन सिंह के आख़िरी विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद थे और तब विदेश सचिव सुजाता सिंह थीं.

प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिका ने मोदी का स्वागत किया. पीएम बनने के बाद मोदी ने सितंबर 2014 में अमेरिका का पहला दौरा किया. तब जयशंकर ही अमेरिका में भारत के राजदूत थे. कहा जाता है कि जयशंकर ने जिस तरह से मोदी के दौरे की प्लानिंग की थी, उससे वह काफ़ी प्रभावित थे. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में 26 जनवरी को भारत का दौरा किया था. इसमें भी एस जयशंकर की भूमिका बड़ी मानी जाती है.