साहित्य

विश्व कविता दिवस पर विशेष, By-Aftab Padhan Dingarpuri

Aftab Padhan Dingarpuri
==============
विश्व कविता दिवस (#World_Poetry_Day)

*विश्व कविता दिवस प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है

* यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने प्रति वर्ष 21 मार्च को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय किया

* यूनेस्को ने 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी

* विश्व कविता दिवस के अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और साहित्य अकादमी की ओर से सबद-विश्व कविता उत्सव का आयोजन किया जाता है

* विश्व कविता दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि विश्व में कविताओं के लेखन, पठन, प्रकाशन और शिक्षण के लिए नए लेखकों को प्रोत्साहित किया जाए

* इस दिवस के जरिए छोटे प्रकाशकों के उस प्रयास को भी प्रोत्साहित किया जाता है जिनका प्रकाशन कविता से संबंधित है

* जब यूनेस्को ने इस दिन की घोषणा की थी तब उसने कहा था कि क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कविता आंदोलन को यह एक तरह की पहचान मिली है


* कविता रचनात्मक से जुड़ा क्षेत्र है इसलिए इस दिन सरकारी संस्थाएं, शिक्षक, सामुदायिक समूह तथा व्यक्तिगत रूप से कवि कविता लेखन को बढ़ावा देने के लिए जगह-जगह आयोजन करते हैं

* विश्व कविता दिवस एक ऐसा अवसर है जहां पर बच्चों को स्कूल की कक्षा में कविताओं से रूबरू कराया जाता है

* इस दिन विद्यार्थी अलग-अलग तरह की कविताओं को पढ़ते हैं

* यह एक ऐसा मौक़ा है जहां पर कवि न केवल अपनी भाषा की भव्यता से लोगों का परिचय करवाता है बल्कि अपनी कविता की शक्ति को भी प्रदर्शित करता है

* इस दिन कवि स्कूल और विश्वविद्यालय में अपने चाहने वालों को आमंत्रित करते हैं और कविता लेखन के बारे में अपने अनुभव को साझा करते हैं

* विश्व में कई जगह आज ही के दिन लेखकों को उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई तरह के पुरस्कार और सम्मान दिए जाते हैं

* जब से विश्व कविता दिवस अधिकृत किया गया है तब से यूनेस्को ने कला और संस्कृति के क्षेत्र में कविताओं की भूमिका को सही तरह से रेखांकित किया है

Aftab Padhan Dingarpuri
===========
प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय नस्लीय भेदभाव उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।
यह दिवस जातिवाद और नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध एकजुटता का आह्वान करता है।

 

 

दाग़ अलीगढ़ी
==============
·
आने वाले वक्त के इतिहास में श्रेष्ठ कवियों के आविष्कारक,जनक,सिर्फ़ आ0 शैलेश लोढ़ा का ही नाम अमर रहेगा….. बेहद मेहनत से गली गली से खोजकर कवि कवियत्री लाये जा रहे हैं…. इनकी अथक मेहनत से ही उनको जहाज की यात्रा मिल रही है, ये सूरदास नाभादास विट्ठलदास भूषण सेनापति, यहांतक रामचरितमानस के रचयिता तुलसीदास को भी नही मिली थी। मीर, गालिब, जौक को भी ये अवसर नहीं मिला।

आने वाली पीढ़ी के लिए काव्य कुरुक्षेत्र माना जायेगा वाह भाई वाह जहां हजारों कविता के महारथी कविता के अश्व पर सवार हुए और महा युद्ध का हिस्सा बने।

वाह भाई वाह पर प्रस्तुत साहित्य एक दम निर्मल मनोरंजक और शालीनता से परिपूर्ण है इस से समाज मे संचेतना का विकास हुआ है। कई अभाव भाव हीन लोग भी कवि कवियत्री बने, इसका श्रेय श्री लोढ़ा जी को जाता है। सारी काव्य विभूतियां इस प्रयास पर नतमस्तक हैं।

नई पीढ़ी को इनसे कविता के गुण सीखने चाहिए….. इस पर प्रकाशित सारे कवि साहित्य के गौरव हैं जिनके साहित्य से नव ऊर्जा, नूतन साहित्य आयाम गढ़े जाएंगे।।