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शाहरुख़ ख़ान, आप और विरोध….By-Santosh Kumar Pant

Santosh Kumar Pant
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शाहरुख़ ख़ान,आप और विरोध
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जब आप किसी परीक्षा में प्रथम स्थान पर आते हैं और आते थे और अच्छा प्रदर्शन करते थे तो घर में सब लोग,आसपास के लोग सब आपको और आपके काम को शाबाशी देते थे।लेकिन कुछ लोग होते हैं और होते थे जो हमेशा आपकी तरक्की से जलते हैं और जलते थे।ये लोग आपको कहीं न कहीं सुनाते भी होंगे और आपको नकारा बताते होंगे।लेकिन ये आप और आपका परिवार ही जानता है कि आपने इन सब चीजों को पाने के लिए कितनी मेहनत की है।मेरा कहने का मतलब है कि ये विरोधी टाइप के लोग आपकी जिंदगी में तरक्की की तार काटने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।कि यार ये कुछ भी करेगा ना तो इसका विरोध ही करना है।

…बात शाहरुख़ ख़ान की फिल्म ‘पठान’ की।ये आप लोग जो विरोध कर रहे हैं आप लोग क्या हैं भाई ? कौन है ? आपको कौन पूछ रहा है ? किससे अपनी तुलना कर रहे हैं ? आप तो यार अपना परिवार ही बड़ी मुश्किल से चला पा रहे हैं और शाहरुख़ ख़ान से आपकी कोई तुलना नहीं है।फिर विरोध किस बात का ?आप लोग पॉलिटिक्स,नेताओं, बाबाओं के चक्कर में अपना पूरा जीवन दांव पर लगा रहे हैं।हो सकता है आपके विरोध करने से एक फिल्म न चले…लेकिन उससे आपको हासिल क्या ?जिंदगी भर विरोध करना है करते रहिए।आपका तो बहुत कुछ बिगड़ेगा लेकिन शाहरुख़ खान… शाहरुख़ ख़ान ही रहेगा।सलमान..सलमान ही रहेगा…अक्षय कुमार…अक्षय कुमार ही रहेगा।कभी सोचा है कि इन लोगों ने कितनी मेहनत करके अपने आप को इस मुकाम तक पहुंचाया है।कितना जलाया है कितना तपाया है यहां तक आने के लिए।अभी एक हीरो,डायरेक्टर कह देगा ना कि भाई कल से 20000 जॉब मिलेंगी..तो भागे भागे मुंबई चले जाओगे। कि जॉब तो मिले।परिवार तो चले।और लाखों लोग इनकी वजह से अपना परिवार चला भी रहे हैं।एक शाहरुख या किसी भी फिल्म फ्लॉप हो तो उसका कितना असर हमारे सिस्टम पर पड़ता है कभी सोचा है आपने।सब कुछ आप से ही शुरू है और आप पर ही ख़त्म है….इस चीज को समझाने लिखूंगा तो बहुत बड़ा लेख हो जायेगा।फिर कभी…

विरोध करना है ना तो सरकार की गलत नीतियों का कीजिए,विरोध करना है तो उन नेताओं का कीजिए तो आपसे वोट लेकर आपके लिए कुछ नहीं करते,विरोध करना है तो भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विरोध कीजिए,स्कूल में बढ़ी हुई फ़ीस को लेकर कीजिए,अपने गांव,अपने कस्बे अपने शहर में अच्छा स्कूल खोलने,अच्छी स्वास्थ्य सुविधा अब तक क्यों नहीं है उसके लिए कीजिए।अच्छी सड़कें क्यों नहीं हैं उसका कीजिए।लेकिन ये आप लोग करेंगे नहीं।खाली बैठे हैं,क्योंकि रोजगार नहीं है।सरकार को कोसेंगे नहीं।क्योंकि फिल्मों का विरोध करने के बाद समय बचेगा तभी तो करेंगे।ये याद रखिए कि आपके विरोध करने से शाहरुख़ ख़ान कोई आपकी दुकान पर काम करने नहीं आ जाएगा। कि उसको पैसे की दिक्कत है या उसको परिवार चलाने में दिक्कत आएगी।क्योंकि उसने अपना कमा लिया और अपना मुकाम हासिल कर लिया।तो आप भी इन फालतू की चीजों को छोड़कर अपने अपने फ़ील्ड के शाहरुख़,सलमान,अक्षय बनिए।खूब ईमानदारी और मेहनत से काम कीजिए।चलिए कोई नहीं शाहरुख़ नहीं बन पाएंगे, कम से कम जिंदगी तो सही से जी पाएंगे।

और याद रखिए यूं ही कोई शाहरुख़ या बड़ा आदमी नहीं बन जाता।उसमे कुछ न कुछ तो होता है।जो आप लोगों मैं नहीं है।तो आप चुन लीजिए ‘पठान’ की तरह झूमना है या फिर जिंदगी की जद्दोजहद के लिए घूमते और विरोध करते रहना है। हां गलत चीजों का विरोध ज़रूर कीजिए चाहे वो आप हों,दूसरा कोई या फिर शाहरुख़ ख़ान।