नई दिल्ली: बर्मा में जिस प्रकार से बौध्दों न मुसलमानों का क़त्लेआम किया था वो किसी ढका छुपा नही है दुनियाभर में देखा गया कि मुसलमानों के नरसंहार में सरकार ने योगदान किया था,बौध्दों और मुसलमानों की झड़पें पड़े ही हमें म्यांमार से पढ़ने को ना मिल रही हों लेकिन पिछले दो दिन से इन दोनों समुदाय के बीच श्रीलंका में मारा मरी च्ची हुई है जिसके कारण आपातकाल लगा दिया गया था।
आपातकाल के बावजूद मध्य श्रीलंका में मुस्लिम विरोधी दंगे भड़क उठे। सरकार ने इसे रोकने के लिए सोशल मीडिया पर रोक लगा दी है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश के तहत इलाके मे कर्फ्यू जारी रखा। इलाके के एक निवासी ने बताया यहां स्थिति काफी डरावनी है। बताया कि दो मस्जिद और कई मुस्लिमों की दुकानों को बुधवार को निशाना बनाया गया। इस हमले का आरोप इस इलाके में रहने वाले बौद्ध समुदाय के लोगों पर लगाया जा रहा है।
Sri Lanka has declared a state of emergency amid anti-Muslim mob violence https://t.co/So4SG64qc0
— TIME (@TIME) March 7, 2018
हिंसा में हुए नुकसान का अभी तक आंकलन नहीं किया जा सका है। बता दें कि म्यांमार की तरह ही श्रीलंका में भी लंबे समय से मुस्लिमों और बौद्धों के बीच अकसर तनाव की स्थिति पैदा होती रही है। यहां के सिंहली बौद्ध अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को खतरे के तौर पर देखते हैं।
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एक इंटरनेट कंपनी ने बताया कि सरकार ने हिंसा वाले इलाकों में पॉपुलर सोशल मीडिया नेटवर्क को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि यह आदेश मुख्य रूप से फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाइबर और वॉट्सऐप के लिए था। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ नेटवर्क को राजधानी कोलंबों में भी बंद किया गया है। जबकि देश के अन्य इलाकों में इनकी सर्विस धीमी करने के लिए कहा गया है।
Anti-Muslim riots flare anew in Sri Lanka despite emergency; social media blocked https://t.co/T7Jf33ayOi via @TOIWorld pic.twitter.com/TYEAWON4kr
— The Times Of India (@timesofindia) March 7, 2018
बता दें कि श्रीलंका में बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बीच सांप्रदायिक हिंसा के बाद 10 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा की थी। श्रीलंका के कैंडी जिले में इस हिंसा की शुरुआत हुई थी। हालांकि सरकार के अधिकारियों ने इस हिंसा के लिए सीधे तौर पर बौद्ध समुदाय के लोगों को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कैबिनेट मिनिस्टर रउफ हकीम ने कहा कि हिंसा के पीछे जो भी लोग जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।